लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बुंदेलखंड के झांसी और महोबा की यात्रा पर आए और इस दौरान उन्होंने मोदी ने सिंचाई, विकास और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी। यात्रा के पहले चरण में महोबा पहुंचे प्रधानमंत्री ने अर्जुन बांध सहायक परियोजना सहित अन्य सिंचाई जल परियोजनाओं का उद्घाटन किया। महोबा में उन्होंने लगभग सवा तीन हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया।

उन्होंने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखंड के विकास के काम रुकने वाले नहीं हैं, लोग चाहे जितनी हाय तौबा मचा लें। हम गुजरात के कच्छ जैसी सफलता के लिए बुंदेलखंड में भी जुटे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी सरकारों ने बुंदेलखंड के साथ जैसा बर्ताव किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं, जबकि परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी।

गुजरात का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मैं जिस गुजरात से आता हूं, वहां की जमीनी हकीकत कुछ और है। पहले के गुजरात की परिस्थितियां बुंदेलखंड से बिल्कुल अलग नहीं थी, इसलिए आपकी तकलीफ को समझता हूं। आज गुजरात में रेगिस्तान तक भी पानी पहुंच रहा है। जैसी गुजरात में सफलता वैसी ही सफलता के लिए बुंदेलखंड में जुटे हुए हैं। मेरे गुजरात में कच्छ में लगातार पलायन हो रहा था, लेकिन जब मुझे सेवा करने का मौका मिला। आज कच्छ तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों के लोग कच्छ आ रहे हैं। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि हम बुंदेलखंड को फिर से नई ताकत दे सकते हैं।

पानी की किल्लत का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यह पानी की समस्या दशकों पुरानी है, इस वजह से पलायन होता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या लोगों को पता है कि समय के साथ यही क्षेत्र पानी की चुनौतियों और पलायन का केंद्र कैसे बन गया? क्यों इस क्षेत्र में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से कतराने लगे? क्यों यहां की बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी की कामना करने लगीं? इन सवालों के जवाब महोबा के लोग, बुंदेलखंड के लोग जानते हैं।

इसके बाद वीरांगना भूमि झांसी पहुंचने पर सबसे पहले महारानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक किले का भ्रमण किया और वीरांगना की प्रतिमा का अनावरण किया । किले के भ्रमण के बाद प्रधानमंत्री किले की तलहटी में बने मंच पर पहुंचे और महारानी लक्ष्मीबाई के शौर्य को बुंदेलखंडी में नमन और लोंगों का अभिवादन स्वीकार किया। आजादी की प्रथम दीपशिखा महारानी लक्ष्मीबाई की 193 वीं जयंती के अवसर पर मोदी ने झांसी रानी लक्ष्मीबाई के किले से एयरफोर्स को लड़ाकू हेलिकॉप्टर सौंपे और कहा कि बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर का सारथी बनेगा। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने जो लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर एयर फोर्स को सौंपा, उसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है।
पीएम मोदी ने यहां अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर पार्क का शिलान्यास किया और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया। साथ ही संघ के पहले सदस्य भी बने।

इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है। आज देश का मंत्र है- मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड। आज हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है। उन्होंने डिजिटल कियोस्क लॉन्च किया गया है, जिससे देशवासी वॉर हीरोज को मोबाइल ऐप के जरिए अपनी श्रद्धांजलि दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि जब हमें आजादी मिली। तब हमारे पास अवसर था। हमें तो अपने देश को सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाना था। यह हमारी जिम्मेदारी है। यही आजादी के अमृत काल में हमारा संकल्प और देश का लक्ष्य है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस धरती पर आकर मुझे एक विशेष अनुभूति होती है। इसी भाव से, मैं झांसी को नमन करता हूं। वीर वीरांगनाओं की धरती बुंदेलखंड को सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। यह झांसी, रानी लक्ष्मीबाई की ये धरती बोल रही है। मैं तीर्थ स्थली वीरों की। मैं क्रांतिकारियों की काशी हूं। मैं हूं झांसी, मैं हूं झांसी।

उन्होंने कहा कहा कि मेरे पीछे ये ऐतिहासिक झांसी का किला है। ये जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा। रानी लक्ष्मीबाई के पास अंग्रेजों के बराबर संसाधन होते। तो देश का आजादी का इतिहास कुछ और होता। हमारे सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां निकलेंगी। 33 स्कूलों में बेटियों के एडमिशन भी शुरू हो चुके हैं।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डीआरडीओ यूपी में स्टार्टअप को भी सहयोग कर रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल को बनाने के लिए UP को चुना गया है। पहले 65 से 70 प्रतिशत सैन्य हथियार विदेशों से खरीदे जा रहे थे। अब 65 प्रतिशत हथियार भारत में बन रहे हैं। अब भारत 70 देशों में सैन्य हथियार निर्यात कर रहा है। यह बदलती सूरत है। विदेशी निर्भरता को खत्म किया जा रहा है।

आपको बता दें कि महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार के समन्वय से झांसी में मनाया जा रहा राष्ट्र रक्षा पर्व बुधवार से शुरू हो चुका है। उत्सव के समापन समारोह में पीएम मोदी झांसी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री ने खुली जिप्सी में झांसी किले के प्रमुख स्थलों को भी करीब से देखा।

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