दिल्लीः किसानों की जिद्द के सामने आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा।  प्रकाश पर्व के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने किसानों की मांग मानते हुए तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा कर दी। उन्होंने पिछले एक साल से किसान आंदोलन की वजह बने तीनों नए कृषि कानून केंद्र सरकार ने वापस ले लिए हैं। शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह बड़ा ऐलान किया। मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में  कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए।

पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद एक तरफ जहां दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने जश्न शुरू कर दिया है, वहीं सोशल मीडिया के जरिए विभिन्न राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देने शुरू कर दी। पीएम मोदी की घोषणा घोषणा को लेकर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला है और इसे किसानों की जीत करार दिया है।

राहुल गांधीः राहुल गांधी ने अपना एक पुराना वीडियो ट्वीट करके लिखा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!

रणदीप सुरजेवालाः रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने आज अपना अपराध स्वीकार किया है। अब जनता इस अपराध की सजा तय करेगी। इस फैसले के पीछे भाजपा का यूपी और पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनाव हारने का डर दिख रहा है।

अमरिंदर सिंहः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से हाल ही में अलग हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हर पंजाबी की मांग सुनी और गुरु नानक जयंती के पावन पर्व पर तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लिया।

राकेश टिकैतः किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम तब तब कृषि कानून वापस नहीं लेंगे जब तक कानूनों को संसद में रद्द नहीं किया जाएगा।

 

ममता बनर्जीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन सभी किसानों को मेरी हार्दिक बधाई जिन्होंने बिना रुके लड़ाई लड़ी और जिस क्रूरता से भाजपा ने आपको ट्रीट किया उससे आप नहीं डरे। यह आपकी जीत है।

नवजोत सिद्धूः पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेना ही सही दिशा में कदम है। किसानों की कुर्बानी रंग लाई।

अरविंद केजरीवाल ने कहा….

बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकरः इसे कहते हैं जिम्मेदार सरकार

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