दिल्लीः 19 नवंबर 2021 यानी शुक्रवार, को कार्तिक पुर्णिमा है। इस दिन आंशिक चंद्र ग्रहण लग रहा है। ये ग्रहण भारतीय समय अनुसार दिन में होगा, इस वजह से यह भारत में दिखाई नहीं देगा। सिर्फ अरुणाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में 1 मिनट से भी कम समय के लिए दिखाई देगा। नासा की वेबसाइट के अनुसार ये आंशिक चंद्रग्रहण 3 घंटे 28 मिनट का रहेगा। इस तरह से यह 580 साल में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण है। ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा और शाम 4.17 मिनट पर खत्म होगा।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के सिवाय भारत में इस चंद्रग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। इस वजह से इस ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं रहेगी। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जहां-जहां चंद्र ग्रहण दिखाई देता है, सिर्फ उन क्षेत्रों में ही सूतक जैसी धार्मिक मान्यताएं मान्य होती हैं।

अरुणाचल प्रदेश के कुछ ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में शुक्रवार की शाम 4.17 बजे कुछ सेकंड्स के लिए आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसके बाद पेनुम्ब्रल चंद्र ग्रहण शुरू होगा जो कि 5.33 मिनट तक रहेगा। आपको बता दें कि पेनुम्ब्रल चंद्र ग्रहण में चंद्र के आगे धूल से जैसी परत दिखाई देती है। इसका कोई ज्योतिषीय महत्व नहीं है, ना ही इसका कोई असर होता है।

19 नवंबर का आंशिक चंद्र ग्रहण पश्चिमी अफ्रिका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, एशिया, आस्ट्रेलिया, अटलांटिक, महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय आस्ट्रेलिया, इन्डोनेशिया, थाईलैंड, भारत के पूर्वोत्तर भाग, चीन, रूस, में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा, मध्य दोपहर 2.22 बजे और मोक्ष शाम 4.17 मिनट पर होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इससे पहले इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण 27 फरवरी, 1440 को पूर्णिमा पर लगा था।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस समय गुरु-शनि मकर राशि में स्थित हैं और आंशिक चंद्र ग्रहण हो रहा है। गुरु-शनि मकर राशि में और चंद्र ग्रहण का योग इससे 59 साल पहले 19 फरवरी 1962 को हुआ था। ज्योतिषियों के मुताबिक 19 नवंबर का ग्रहण वृषभ राशि में हो रहा है, चंद्र इसी राशि में रहेगा।

क्यों लगता है चंद्र ग्रहण ?

पृथ्वी जब परिक्रमा करते समय सूर्य और चंद्र के बीच आ जाती है और तीनों ग्रह एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तब चंद्र ग्रहण होता है। इस स्थिति में सूर्य की रोशनी चंद्र तक पहुंच नहीं पाती है और चंद्र दिखाई नहीं देता है। वहीं, पृथ्वी और सूर्य के बीच में जब चंद्र आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण है।

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