दिल्लीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण करीब डेढ़ साल से बंद पड़ा करतारपुर कॉरिडोर आज से एक बार फिर खुल रहा है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में स्थित सिखों के सबसे पूजनीय तीर्थस्थलों तक जाने के लिए करतारपुर साहिब गलियारे का साल 2019 में उद्घाटन हुआ था। इस यात्रा को करने के लिए श्रद्धालुओं को कुछ नियमों का पालन करना होगा।

मसलन इस गरियारे के रास्ते सिर्फ वही लोग पाकिस्तान जा सकते हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली है। इसका मतलब यह भी है कि सभी श्रद्धालुओं को अपने साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट और कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट रखना होगा, तो चलिए नजर डालते हुए यात्रा के नियमों में हुए कुछ अहम बदलावों परः-

करतारपुर साहिब कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर में मौजूद सिखों के पवित्र पूजनीय स्थल डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। आपको बता दें कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का सिखों के लिए इसलिए भी महत्व है क्योंकि इसी गुरुद्वारे में गुरु नानक देव ने जीवन के आखिरी वर्ष बिताए थे और शरीर का त्याग किया था।

करतारपुर कॉरिडोर साल 2019 में ही खुल गया था लेकिन महज चार महीने के अंदर ही कोविड-19 के प्रकोप के कारण इसे बंद कर दिया गया था। यानी मार्च 2020 में इस गलियारे को बंद कर दिया गया था। अब करीब डेढ़ साल बाद इन दोनों पवित्र तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाले इस गरियारे को एक बार फिर से खोला जा रहा है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में घोषणा की। आपको बता दें कि 19 नवंबर को गुरुनानक देव की जयंती है, जिसे प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान बताया गया कि भारत सरकार ने इस यात्रा को कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए एक बार फिर से चालू करने का फैसला लिया है।

इसके तहत हर दिन भारत के करीब 100-200 श्रद्धालु करतारपुर साहिब कॉरिडोर से पाकिस्तान पहुंच सकते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही ओर का प्रशासन दैनिक आधार पर तीर्थयात्रियों की सूची जांचेंगे।

करतारपुर कॉरिडोर पर श्रद्धालुओं को तापमान चेक करवाने के साथ ही सैनिटाइजेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। वहीं, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी देना होगा। सभी श्रद्धालुओं को अपने साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट रखना होगा, जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स बताया गया है कि पाकिस्तान पहुंचने पर श्रद्धालुओं को रैपिड एंटीजन टेस्ट भी करवाना होगा। हालांकि, इसके बाद उन्हें किसी तरह की जांच नहीं करवानी होगी। साथ ही, यात्रियों को पाकिस्तान के कोरोना संबंधी नियमों को मानना होगा क्योंकि दर्शन उनके क्षेत्र में होगा। यदि किसी को को यात्रा के दौरान कोरोना के लक्षण दिखेंगे, तो उन्हें आइसोलेशन में भेजा जा सकता है।

आपको बता दें कि भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ करतारपुर गलियारा समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इसके तहत सभी धर्मों के भारतीय तीर्थयात्रियों को 4.5 किलोमीटर लंबे मार्ग के माध्यम से साल भर वीजा मुक्त यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद नवंबर 2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गलियारे का उद्घाटन किया था।

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