अबुधाबीः टी-20 के सुपर-12 के 40वें मुकाबले में न्यूजीलैंड ने अफगानिस्तान को 8 विकेट से हरा दिया है। इसके साथ ही टीम इंडिया के सेमीफाइनल में क्वालिफाई करने का सपना सिर्फ एक सपना बनकर रह गया।
गत कुछ वर्षों में टीम इंडिया के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए इस बार भारतीय टीम को टी-20 वर्ल्ड कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम ने सभी को निराश किया। मौजूदा वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर सुपर-12 में शुरू होकर सुपर-12 में समाप्त हो गया। पहले ही मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से मात दी। इस हार के गम से देश उबर भी नहीं पाया था कि अगले ही मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से करारी शिकस्त दे दी।
इस तरह से लगातार दो मैचों में मिली हार के साथ ही भारतीय टीम पर सेमीफाइनल से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा था। हालांकि विराट एंड कंपनी ने अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड को हराकर आशा की एक किरण को जलाए रखा, लेकिन अब बात सिर्फ अपनी जीत की नहीं थी। भारत को न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान के बीच खेले जाने वाले मुकाबले के नतीजे पर निर्भर रहना पड़ा। न्यूजीलैंड की इस जीत ने भारत की उम्मीदों को दीया बुझा दिया।
टीम इंडिया साल 2012 के बाद पहली बार टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी। हालांकि टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास की बात करें, तो ये चौथा मौका रहा जब भारत सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका। इससे पहले 2009, 2010 और 2012 में भी टीम और फैंस के हाथों मायूसी लगी थी।
साल 2009 में टी-20 वर्ल्ड कप इंग्लैंड की सरजमीं पर खेला गया था और भारतीय टीम डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर टूर्नामेंट में उतरी थी। वर्ल्ड कप में भारत को ग्रुप-ए में बांग्लादेश और आयरलैंड के साथ रखा गया था और भारत दोनों मैच जीतने में सफल रहा। टीम इंडिया ने उस समय बांग्लादेश को 25 रनों से हराया और आयरलैंड को 8 विकेट से हराया था। इसके बाद सुपर-8 के मैचों में टीम ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। धोनी की कप्तानी वाली टीम को सुपर-8 के तीनों मैचों में हार का मुंह देखने पड़ा। वेस्टइंडीज ने भारत को 7 विकेट, मेजबान इंग्लैंड ने 3 रन और साउथ अफ्रीका ने 12 रनों से पराजित किया था।
मौजूदा टी-29 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने 2010 के टी-20 वर्ल्ड कप का रिपीट टेलिकास्ट किया। 2010 में टी-20 वर्ल्ड पक वेस्टइंडीज में खेला गया था और टीम आईपीएल-3 के तुरंत बाद टूर्नामेंट में हिस्सा लेनी पहुंची थी। टीम के सभी खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म में थे और टीम को टूर्नामेंट जीतने का दावेदार फेवरेट माना जा रहा था। धोनी की कप्तानी वाली टीम को ग्रुप सी में रखा गया और टीम में पहले मैच में अफगानिस्तान को 7 और साउथ अफ्रीका को 14 रनों से हराकर सुपर-8 में क्वालिफाई किया। हालांकि सुपर-8 में टीम जीत के सफर को कायम नहीं रख सकी और 2009 की तरह फिर से तीनों मैच हार गई। भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 49 रन, वेस्टइंडीज ने 14 रन और श्रीलंका ने 5 विकेट से हराया।
2012 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में भी धोनी एंड कंपनी को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम फिर टॉप-4 में जगह बनाने में नाकाम रही। ग्रुप-ए के मैचों में भारत ने अफगानिस्तान को 23 और इंग्लैंड को 90 रनों से हराया। इसके बाद सुपर 8 के पहले मैच में कंगारू टीम ने भारत को 9 विकेट से पटखनी दी, लेकिन टीम इंडिया ने जोरदार वापसी करते हुए पाकिस्तान को 8 विकेट से हराया। भारत ने आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका को भी 1 रन से मात दी, लेकिन खराब रन रेट के चलते सेमीफाइनल में जगह पक्की नहीं कर सकी।