अयोध्याः इस साल दीपावली के मौके पर अयोध्या की साकेत भूषण श्रीराम पीठ काशी की मुस्लिम महिलाओं के बनाए दीयों से जगमग होगा। आपको बता दें कि काशी की मुस्लिम महिलाओं ने गाय के गोबर और मिट्टी से बने 108 दीये अयोध्या भेजे हैं। इन महिलाओं का कहना है कि श्रीराम सभी हिंदुस्तानियों के पूर्वज हैं, इसलिए राम सबके हैं और राम सब में हैं। महिलाओं ने इन दीयों से गौ संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक नफरत से मुक्ति का संदेश देने की कोशिश की है।

आपको बता दें कि मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान की साझा कोशिश से काशी की मुस्लिम महिलाएं रामपंथ आश्रम में गाय के गोबर और मिट्टी से दीये बनाए हैं। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने बताया कि अधर्मी रावण की हिंसा से दुनिया को मुक्त कराने के बाद श्रीराम अयोध्या लौटे थे, तो घर-घर दीपक जलाए गए थे।

अंसारी ने कहा कि आज पूरी दुनिया धर्म के नाम पर हिंसा की शिकार हो रही हैं। ऐसे में मुस्लिम महिलाओं का यह छोटा प्रयास नफरत की धधकती आग पर पानी डालने का काम करेगा। मिट्टी और गाय के गोबर से तैयार हुआ श्रीराम दीपक सिर्फ अयोध्या के साकेत भूषण श्रीराम पीठ में जलाया जाएगा।

नाजनीन अंसारी ने कहा कि दिवाली पर अयोध्या में लाखों दीप जलेंगे, उसमें 108 दीपक मुस्लिम महिलाओं के भी होंगे। भगवान श्रीराम तो सबके हैं। आज पूरी दुनिया को श्रीराम संस्कृति को अपनाने की जरूरत है। मुस्लिम देश यदि श्रीराम संस्कृति को अपनाना शुरू करें तो उनके देश और उनके परिवार बच जाएंगे। वरना जो धार्मिक हिंसा चल रही है, उसकी लपटों से कोई नहीं बचेगा। सभी मुस्लिम देश दिवाली मनाएं और अपने यहां स्कूलों में श्रीराम पर अध्ययन शुरू करा दें।

वहीं अयोध्या श्री राम पीठ के केंद्रीय व्यवस्था प्रमुख डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा तैयार 108 दीप मंदिर परिसर में जलाए जाएंगे। इस मंदिर में भगवान श्रीराम की प्राथमिक शिक्षा हुई थी। इसके साथ ही धार्मिक समरसता के लिए काशी के हिंदू परिवारों और प्रमुख लोगों को मुस्लिम महिलाएं श्रीराम दीपक भेंट करेंगी।

वहीं, विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने कहा कि वे चाहे जितनी नफरत फैला लें, लेकिन हम तीज-त्योहार मिलकर मनाएंगे। भगवान श्री राम सबके हैं, जितना हिन्दुस्तान के हैं, उतना ही मुस्लिम और ईसाई देशों के भी है। अब तो दुनिया को भी समझ आ गया कि नफरत को रोकने का एक ही विकल्प है और वह श्रीराम हैं।

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