दिल्लीः देश ने बुधवार को सीमा सुरक्षा और मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी हासिल कर ली। ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप पर बुधवार को अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इसके साथ ही भारत रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन,चीन और उत्तर कोरिया की कतार में शामिल हो गया। यानी भारत इस ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश बन गया।

यह मिसाइल 5 हजार किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य साधने की क्षमता रखती है। इस तरह से इसकी जद में चीन और पाकिस्तान सहित पूरा एशिया आएगा। अग्नि-5 का यह आठवां टेस्ट था।

डीआरडीओ (DRDO) यानी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने 2008 में अग्नि-5 पर काम शुरू किया था। डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), एडवांस्ड सिस्टम लैबोरेटरी (ASL), और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी (DRDL) ने मिलकर इसे तैयार किया। इसे पहले अग्नि-3+ नाम दिया गया था, लेकिन 2010 में इसे अग्नि-10 नाम दिया गया।

आपको बता दें कि 19 अप्रैल 2012 को उड़ीसा में इसका पहला टेस्ट किया गया था, जो सफल रहा था। यह परीक्षण रेल मोबाइल लॉन्चर से किया गया। इसके बाद जनवरी 2015 में मिसाइल का पहला कैनिस्टर टेस्ट किया गया था। उस समय इसे रोड मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था। इसका आखिरी टेस्ट 10 दिसंबर 2018 को किया गया। विशेष बात यह है कि अब तक मिसाइल के 7 टेस्ट किए जा चुके हैं, सभी सफल रहे हैं। अग्नि-5 को 2020 में ही सेना में शामिल करने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना की वजह से टेस्ट में देरी हो गई।

मौजूदा समय में आईसीबीएम (ICBM)इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दुनिया के मुट्ठीभर देशों के पास ही हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन,चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं। इस तरह से इस ताकत से लैस होने वाला भारत दुनिया का 8वां देश बन गया।

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