दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों को निर्माता कंपनियां के शोषण से बचाने की एक नीति तैयार करने को लेकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने लाखों फ्लैट खरीदारों को निर्माता कंपनियां के शोषण से बचाने की एक नीति तैयार करने की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और बीवी नागरत्ना पीठ ने वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय तथा अन्य की जनहित याचिकाओं पर यह आदेश जारी किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि लाखों भवन खरीदारों के हित में इससे संबंधित एक ‘आदर्श खरीद-बिक्री समझौता नीति’ केंद्र सरकार की ओर से बनाए जाने की जरूरत है।
आपको बता दें कि कई वकीलों की ओर से दायर जनहित याचिकाओं में ‘रियल एस्टेट एवं रेगुलेटरी अथॉरिटी एक्ट 2016’ का हवाला देते हुए कहा गया है कि केंद्र सरकार एक मॉडल समझौता नीति बनाए और राज्य सरकारें उसे अमल में लाएं।
पीठ ने कहा कि एक बार आदर्श खरीद- बिक्री समझौता नीति केंद्र द्वारा बना लिए जाने के बाद वह सरकारों को इसे लागू करने का आदेश दे सकती है।