लखनऊः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तनाव का माहौल है। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए 20 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। इलाके में अतिरिक्त फोर्स भी भेज दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी (ADG)  लॉ एंड ऑर्डर समेत पुलिस के आला अधिकारियों को घटनास्थल पर भेज दिया है। उधर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं।

बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई। लखीमपुर खीरी के एएसपी (ASP) यानी सहायक पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने इस घटना में आठ मौतों की पुष्टि की है, जिनमें 4 किसान थे और बाकी 4 या तो उस गाड़ी में सवार थे, जिसने किसानों को कुचला था या मंत्री के काफिले में शामिल दूसरी गाड़ियों में बैठे हुए थे। इस घटना के बाद गुस्साए किसानों ने दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।

उधर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ने रविवार देर शाम को इस घटना में अपने बेटे के शामिल होने से इनकार किया। उन्होंने ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच घुसे कुछ शरारती तत्वों ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं और उनके काफिले की एक गाड़ी के ड्राइवर को पीट-पीटकर मार डाला। उन्होंने यहां तक कहा कि घटनास्थल पर उनका बेटा मौजूद ही नहीं था।

लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी (DM) अरविंद कुमार चौरसिया ने इस घटना में मारे गए चार किसानों के नामों की सूची जारी की है..

  • गुरविंदर सिंह (20)- निवासी ग्राम मकरोनिया नानपारा
  • दलजीत सिंह (35)- निवासी बनजारा ठठ्ठा नानपारा
  • नक्षत्र सिंह (65)- निवासी नयापुरवा धौरहरा
  • लवप्रीत सिंह (20)- निवासी चौखड़ा फार्म मझगाई पलिया

प्राप्त जानकारी के अनुसार अजय मिश्र और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे। इस बात की जानकारी जब कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लगी, तो वे हेलिपैड पर पहुंच गए। किसानों ने रविवार सुबह 8 बजे ही हेलिपैड पर कब्जा कर लिया था।

बताया जा रहा है करि  दोपहर करीब 2.45 बजे सड़क के रास्ते मिश्र और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा, तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने दौड़ पड़े। इसी दौरान काफिले में शामिल अजय मिश्र के बेटे आशीष ने अपनी गाड़ी किसानों पर चढ़ा दी। यह देखकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने आशीष मिश्र की गाड़ी समेत दो गाड़ियों में आग लगा दी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष की गाड़ी रोकने की कोशिश में एक महिला सिपाही समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी जिलों के किसानों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है। बीएकयू (BKU) प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर से लखीमपुर खीरी पहुंचने के बाद किसान अगली रणनीति पर काम कर सकते हैं।

हेलिपैड पर किसानों का कब्जा होने की जानकारी पाकर अजय मिश्र और केशव मौर्य लखनऊ से सड़क मार्ग से लखीमपुर जिला मुख्यालय पहुंचे थे और यहां योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद मौर्य और केंद्रीय राज्यमंत्री हेलिकॉप्टर की बजाय गाड़ी से बनवारी गांव जा रहे थे। आपको बता दें कि बनवारी गांव अजय मिश्रा का पैतृक गांव है। यहां पर इन नेताओं को कुश्ती प्रतियोगिता की शुरुआत करनी थी। प्रशासन ने बनवारी गांव के पास तनाव को लेकर पहले ही अलर्ट किया था।

आपको बता दें कि अजय मिश्र टेनी एक सप्ताह पहले एक विवादित बयान दिया था, जिससे किसान आहत हैं। उन्होंने कहा था कि हम अपनी पर आ गए तो हम क्या कर सकते हैं? यह सब जानते हैं। अजय मिश्र ने यह बयान किसानों की तरफ से काले झंडे दिखाए जाने के बाद दिया था।

किसानों ने 26 सितंबर को लखीमपुर में संपूर्णानगर क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे अजय मिश्र को काले झंडे दिखाए थे।इसके बाद जनसभा में उन्होंने खुद के विरोध का जिक्र करते हुए मंच से किसानों को धमकी दी थी। कहा था कि किसानों के अगुआ यानी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग प्रधानमंत्री मोदी का सामना नहीं कर पा रहे हैं। आंदोलन को 10 महीने हो गए।

उन्होंने काले झंडे दिखाने वालों किसानों को धमकी देते हुए कहा था कि यदि हम गाड़ी से उतर जाते तो उन्हें भागने का रास्ता नहीं मिलता। कृषि कानून को लेकर केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं। यदि कानून इतना गलत है तो अब तक पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था कि सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो, वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे। विधायक-सांसद से बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं चुनौती से भागता नहीं हूं।

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