चंडीगढ़ः दो दिन तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रहने के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरुवार शाम यहां लौट आए। यहां पहुंचने के बाद कैप्टन सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को नसीहत दी और कहा कि मैने अपने कार्यकाल के दौरान कभी पार्टी अध्यक्ष की सरकार में दखल अंदाजी नहीं होने दी है। मेरे साढ़े नौ साल के कार्यकाल के दौरान कभी पार्टी अध्यक्ष ने सरकार चलाने में दखल नहीं दिया और न ही मैंने प्रधान होते हुए ऐसा किया। उन्होंने कहा कि सरकार में अफसरों की नियुक्ति का काम सीएम चन्नी का है, नवजोत सिंह सिद्धू का नहीं।
यहां हवाई अड्डा पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने बीजेपी में शामिल होने से इनकार कर दिया। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब वह कांग्रेस में नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा दिल्ली में वह गृह मंत्री अमित शाह और एनएस (NSA) यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिले हैं। उन्होंने बताया कि इन दोनों को मैंने पिछले चार साल में बॉर्डर पर हुई एक्टिविटी और सुरक्षा के लिहाज से इन गतिविधियों के बारे में अवगत कराया।
कैप्टन सिंह ने कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज करार दिया है। कैप्टन सिंह के दफ्तर की ओर से गुरुवार को अफराह्न में जारी बयान में कहा गया कि कांग्रेस एक डूबता जहाज है। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कोई सुनवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी तरह से अवहेलना की जा रही है।अपमानित किया गया है और उन पर भरोसा नहीं किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, “वह इस्तीफा देंगे …. पार्टी में नहीं रहेंगे। वह इस प्रकार का अपमान सहने के आदी नहीं हैं। उनके सिद्धान्त और मान्यताएं उन्हें कांग्रेस में रहने की इजाजत नहीं देती हैं। अभी वह पंजाब के हित में उनके समक्ष जो विकल्प हैं, उन पर विचार कर रहे हैं। उनके लिए राज्य की सुरक्षा सर्वोपरि है।“
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को विचारक की संज्ञा दी है और उन्हें पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को वरिष्ठ जनों के अनुभव के आधार पर तैयार किया जाना चाहिए।
यह दुर्भाग्य है कि सीनियर लोगों की पार्टी में पूरी तरह अवहेलना हो रही है जोकि पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के घर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले की निंदा करते हुए कहा कि उनके साथ ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने खुलकर अपने विचार रखे, जोकि पार्टी नेतृत्व को पसंद नहीं।