संवाददाता कपिल भारद्वाज

चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू को मनाने का जिम्मा मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को सौंपा है। चन्नी ने आज सुबह भी मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पटियाला भेजा था और दोनों मंत्रियों की सिद्धू के साथ बैठक हुई। इसके बाद दोनों मंत्री चंडीगढ़ आ गए हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फिलहाल सिद्धू के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है।

इस बीच सिद्धू के पटियाला स्थित घर में हलचल बढ़ गई है। इस बीच चर्चा है कि सिद्धू चंडीगढ़ आ सकते हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि सिद्धू यहां पर किन-किन नेताओं से मिलेंगे।

वहीं, मुख्यमंत्री चन्नी कैबिनेट की बैठक के लिए चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। इस कैबिनेट बैठक में पार्टी आलाकमान के दिए 18 सूत्रीय फॉर्मूले से जुड़े बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। विशेषकर  महंगी बिजली को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है। कैबिनेट की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री चन्नी मीडिया से भी बातचीत कर सकते हैं।

सिद्धू के इस्तीफे की टाइमिंग से ज्यादातर मंत्री नाखुश हैं। आपको बता दें कि मंगलवार को जिस वक्त नए मंत्री कामकाज संभाल रहे थे, उसी वक्त सिद्धू ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। इसके बाद देर रात तक सीएम चन्नी पंजाब सचिवालय में बैठे रहे। उन्होंने मंत्रियों के साथ बैठक भी की। हालांकि उन्होंने कहा था कि सिद्धू से बात कर उनकी नाराजगी के बारे में जानकारी लेंगे।

उधर, नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थन में पार्टी संगठन से कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार एवं राज्य के पूर्व डीजीपी मुहम्मद मुस्तफा की पत्नी एवं  कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। थोड़ी देर बाद महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया। मंत्री परगट सिंह के इस्तीफे की अफवाह उड़ी, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया।

सिद्धू ने क्यों छोड़ी कुर्सीः-

  • कैप्टन अमरिंदर के हटने के बाद नवोत सिंह सिद्धू खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने सुनील जाखड़ को आगे कर दिया।
  • इसके बाद पंजाब में सिख सीएम का मुद्दा उठा। सिद्धू ने फिर दावा ठोका, लेकिन पार्टी आलाकमान ने उन्हें नकारकर सुखजिंदर रंधावा को आगे कर दिया। इसके बाद सिद्धू नाराज हो गए और आखिर में बात चरणजीत चन्नी के सीएम बनने पर बनी।
  • सिद्धू चन्नी के सीएम बनने के बाद उनके ऊपर हावी होना चाहते थे। सिद्धू लगातार उनके साथ घूमते रहे। कभी हाथ पकड़ते तो कभी कंधे पर हाथ रखते। इसको लेकर सवाल होने लगे कि सिद्धू सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं।
  • सिद्धू चाहते थे कि एडवोकेट डीएस पटवालिया पंजाब के नए एडवोकेट जनरल बनें। उनकी फाइल भी भेज दी गई थी, लेकिन दूसरे नेताओं ने अड़ंगा लगा दिया। पहले अनमोल रतन सिद्धू और फिर एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल बना दिया गया।
  • सिद्धू अपने करीबियों को चन्नी सरकार में मंत्री बनवाना चाहते थे, लेकिन उनकी मनमानी नहीं चली। कैप्टन के करीबी रहे ब्रह्म मोहिंदरा, विजयेंद्र सिंगला से लेकर कई विधायक वापस लौट आए।
  • कांग्रेस आलाकमान ने मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिए बुलाई बैठक में सिर्फ चरणजीत चन्नी को बुलाया। सिद्धू को इसमें शामिल नहीं किया गया। सिद्धू की बताई लिस्ट को पार्टी आलाकमान ने स्वीकार नहीं किया, जिसकी वजह से वह नाराज हो गए।
  • नवजोत सिंह सिद्धू सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को पंजाब का नया डीजीपी (DGP बनवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पूरी खेमाबंदी भी शुरू कर दी थी, लेकिन दिनकर गुप्ता छुट्‌टी पर गए तो चन्नी ने इकबालप्रीत सिंह सहोता को डीजीपी का चार्ज दे दिया।
  • नवजोत सिंह सिद्धू की इच्छा थी कि राज्य का गृह विभाग सीएम चन्नी अपने पास रखें, लेकिन विभागों के बंटवारे में होम मिनिस्ट्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को दे दी गई। इसके बाद सिद्धू का सब्र टूट पड़ा और उन्होंने दोपहर होते-होते इस्तीफा दे दिया।

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