दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  सोमवार को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ पर ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ का लोकार्पण किया। ऑनलाइन तरीके से आयोजित इस  कार्यक्रम में मोदी ने गरीबों, महिलाओं  और मध्यम वर्ग को सस्ता और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि देश में एक समावेशी और समग्र स्वास्थ्य सुविधाओं का मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इससे देश भर की स्वास्थ्य सुविधाएं, अस्पताल, चिकित्सक, फार्मेसी, दवा की दुकान और मरीज एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे। प्लेटफार्म से देश के दूरदराज के हिस्सों में भी नागरिकों को वरिष्ठ चिकित्सकों और विशेषज्ञों से परामर्श मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि पिछले सात साल से चल रही स्वास्थ्य  सुविधाओं को मजबूत करने का अभियान आज नए चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, “ आज हम  एक मिशन शुरू कर रहे हैं जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में  क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है।”

पीएम मोदी ने बताया कि भारत समग्र और समावेशी स्वास्थ्य मॉडल पर काम कर  रहा है। यह मॉडल स्वास्थ्य देखभाल और बीमारी के मामले में आसान,  किफायती और सुलभ उपचार पर जोर देता है। स्वास्थ्य शिक्षा में सुधारों की चर्चा करते हुए उन्होंने  कहा कि सात-आठ साल पहले की तुलना में अब  भारत में बहुत अधिक संख्या में डॉक्टर और समान चिकित्सा जनशक्ति तैयार की  जा रही है। देश में एम्स और अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक व्यापक  नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है और हर तीन लोकसभा क्षेत्रों में एक मेडिकल  कॉलेज की स्थापना का काम चल रहा है।

उन्होंने गांवों में स्वास्थ्य  सुविधाओं को मजबूत करने का उल्लेख किया और कहा कि गांवों में प्राथमिक  स्वास्थ्य केंद्र नेटवर्क और स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है।  ऐसे 80 हजार से अधिक केंद्र पहले ही संचालित हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने जन औषधि, आयुष्मान भारत, डिजिटल लेन-देन, ई-संजीवनी, टेलीमेडिसिन का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में पिछले छह सात साल के दौरान  स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का काम चल रहा है। सरकार जल्दी ही नई स्वास्थ्य नीति लेकर आएगी। यह नीति पूरी तरह से समावेशी और समग्र होगी।  उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार की योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ हुआ है।

मोदी ने आरोग्य और काेविन ऐप का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में स्वास्थ्य सुविधाओं का इतना मजबूत और व्यापक बुनियादी ढांचा कहीं मौजूद नहीं है। इन दोनों ऐप की बदौलत लोगों को कोरोना महामारी के बारे में जागरुक करने और  महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिली है।  उन्होंने कहा कि कोरोना  टीकाकरण में कोविन ऐप का महत्वपूर्ण योगदान है जिसे पूरी दुनिया स्वीकार कर  रही है।

इस कार्यक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय  महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और कई  राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री तथा केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी  कार्यक्रम में मौजूद थे।  प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयुष्मान भारत की सफलताओं और  उपलब्धियों पर एक वीडियो फिल्म और एक कॉफी टेबल बुक का भी लोकार्पण किया।

पीएम मोदी ने  कहा कि 130  करोड़ आधार कार्ड, 118 करोड़ मोबाइल ग्राहक, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट  उपयोगकर्ता, लगभग 43 करोड़ जन धन बैंक खाते डिजिटल प्रक्रिया पर मौजूद हैं। दुनिया में कहीं भी  इतना बड़ा बुनियादी ढांचा नहीं है।  उन्होेंने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे में सबकुछ समाहित हो रहा है। इसमें ‘राशन से प्रशासन’  तक शामिल है और आम भारतीय तक तेजी से और पारदर्शी तरीके से सेवा एवं सुविधायें पहुंच रही हैं। उन्होेंने कहा कि  आयुष्मान भारत ने गरीबों के जीवन की एक प्रमुख समस्या का निपटारा किया है।  इस योजना के तहत अब तक दो करोड़ से अधिक लोगों ने निशुल्क इलाज की सुविधा  का लाभ उठाया है, जिनमें से आधी महिलाएं हैं।

स्वास्थ्य में प्रौद्योगिकी के उपयोग का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना काल में टेलीमेडिसिन ई-संजीवनी के माध्यम से लगभग 125 करोड़ परामर्श लिये गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुविधा देश के दूर-दराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से प्रतिदिन जोड़ रही है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन अब देश भर के अस्पतालों के डिजिटल प्लेटफार्म को एक-दूसरे से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि मिशन न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि जीवन की सुगमता को भी बढ़ाएगा। इसके तहत अब प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र मिलेगा  और उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा।  विश्व पर्यटन दिवस पर आज के कार्यक्रम के आयोजन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य का पर्यटन से बहुत गहरा संबंध है, क्योंकि जब स्वास्थ्य ढांचा एकीकृत और मजबूत होता है, तो यह पर्यटन क्षेत्र में भी सुधार करता है। उन्होंने इसके लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और गोवा का उल्लेख किया।

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