दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 24 सितंबर को अमेरिका के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं के साथ चतुष्कोणीय (क्वाड) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक अधिवेशन को भी संबोधित करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने आज सुबह यहां यह जानकारी दी और कहा कि पीएम मोदी 24 सितंबर को वाशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बिडेन के साथ चतुष्कोणीय ढांचे (क्वार्डिलेटेरेल फ्रेमवर्क) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन में 12 मार्च को वर्चुअल प्रकार से हुई क्वाड शिखर बैठक के बाद प्रगति की समीक्षा की जाएगी। साथ ही समान हितों के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक में कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों और क्वाड टीकाकरण पहल की समीक्षा की जाएगी तथा क्वाड नेता स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए अपने समान दृष्टिकोण पर विचार मंथन करेंगे। इसके अलावा महत्वपूर्ण तथा नई उभरती प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी एवं अवसंरचना, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन एवं शिक्षा जैसे समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन को संबोधित करेंगे। इस वर्ष महासभा में आम चर्चा की थीम “कोविड महामारी से उबरने की आशा के साथ एक लचीले प्रतिरोध का निर्माण, सतत पुनर्निर्माण, पृथ्वी की जरूरतों का ख्याल रखना, लोगों के अधिकारों का सम्मान करना और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना” है।

उधर, व्हाइट हाउस ने सोमवार रात क्वाड बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन जूनियर 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में पहली बार क्वाड नेताओं के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। राष्ट्रपति बाइडन ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम योशिहिडे सुगा का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

व्हाइट हाउस ने कहा कि बिडेन-हैरिस प्रशासन में क्वाड को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। गत मार्च में इस समूह के नेताओं की पहली बैठक जो कि वर्चुअल हुई थी, उसमें यह बात देखी गई। इस बार के सम्मेलन में ये नेता एक जगह जुटेंगे। क्वाड नेताओं की मेजबानी आयोजित करना हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ मेलमिलाप बढ़ाने के बाइडन-हैरिस प्रशासन की प्राथमिकता उजागर करता है। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि क्वाड नेता कोरोना से लड़ने, जलवायु परिवर्तन संकट से निपटने, उभरती तकनीक एवं साइबर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अपने संबंधों को और मजबूत करेंगे। समहू एक खुले एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत के विचार को आगे बढ़ाएंगे।

पीएम मोदी की यह अमेरिकी यात्रा काफी अहम होने वाली है। बिडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की यह पहली अमेरिकी यात्रा है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिका के निकलने के बाद इस देश में भारत के हित प्रभावित हुए हैं। तालिबान के राज में अफगानिस्तान के साथ किस तरह का संबंध रखना है, इस पर भारत सरकार ने अपना आधिकारिक रुख अभी साफ नहीं किया है।

मोदी की बिडेन के साथ यह पहली व्यक्तिगत मुलाकात होगी। इससे पहले दोनों नेता कम से कम तीन बार वर्चुअल एक दूसरे से मिल चुके हैं। गत मार्च में क्वाड सम्मेलन, अप्रैल में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन और जून में जी-7 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और बाइडन वर्चुअल मिले। पीएम मोदी जी-7 सम्मेलन के लिए ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले थे लेकिन देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते उन्हें अपनी यह यात्रा स्थगित करनी पड़ी।  पीएम मोदी की पिछली अमेरिका यात्रा साल 2019 में हुई थी। इस यात्रा के दौरान पीएम ने ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम को संबोधित किया था।

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