दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टोक्यो पैरालिंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की, जिसका वीडियो रविवार को जारी किया गया। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारतीय पैरा एथलीट्स ने टोक्यो में बेहतरीन प्रदर्शन किया और आगे भी वे अच्छा प्रदर्शन करें इसके लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 130 करोड़ देशवासी अपने पैरा एथलीट्स के साथ हैं।
आपको बता दें कि पीएम मोदी टूर्नामेंट के दौरान भी ऐथलीटों के प्रदर्शन पर पैनी नजर बनाए हुए थे और उनकी लगातार हौसला अफजाई कर रहे थे। उन्होंने हर मेडल विनर को सोशल मीडिया के जरिए और फोन से बात कर बधाई दी थी।
पीएम से मुलाकात करने वाले सभी खिलाड़ियों ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का पल है। सब उन्हें पहले विकलांग बोलते थे। प्रधानमंत्री ने उन्हें दिव्यांग कहकर उनके सम्मान में इजाफा किया। पैरालिंपिक के दौरान दूसरे देशों के एथलीट हैरत में थे कि भारत के प्रधानमंत्री अपने एथलीटों से बात करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं।
Interacting with our champions… #Paralympics https://t.co/IKVreoh5f3
— Narendra Modi (@narendramodi) September 12, 2021
इस सम्मान समारोह में वे एथलीट भी पहुंचे थे, जो टोक्यो पैरालिंपिक में मेडल नहीं जीत पाए थे। पीएम मोदी ने उन खिलाड़ियों से कहा कि यह बात दिल से निकाल दीजिए कि आप मेडल नहीं जीत पाए। आपने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और देश के लिए यह भी गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि भारतीय पैरा एथलीट्स ने टोक्यो में भारत का मान ऊंचा किया।
पीएम के साथ संवाद के दौरान एक खिलाड़ी ने कहा, “मेडल न जीत पाने का अफसोस है, लेकिन इस हार ने हमें और मजबूत बना दिया है। हम अगली बार फिर से जीतने के लिए जी जान लगा देंगे। जब तक मेडल मिलेगा नहीं, तबतक कोशिश करना नहीं छोड़ेंगे।“ वहीं मोदी ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि हमारी सबसे बड़ी ताकत हार कर जीतना होता है। इसलिए हार से कभी मनोबल को कम करने की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से बातचीत करते हुए कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों को कोचिंग कराना ज्यादा मुश्किल है, क्योंकि उनकी शारीरिक क्षमता ही नहीं बल्कि वो मानसिक तौर पर भी आम खिलाड़ी से अलग हैं और उन्हें समझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे खिलाड़ियों के लिए वर्कशॉप आयोजित किया जाना चाहिए।
टोक्यो पैरालिंपिक में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 19 मेडल जीते। इनमें 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। यह किसी भी पैरालिंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टोक्यो पैरालिंपिक से पहले 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में भारत की झोली में 12 मेडल आए थे। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था।
टोक्यो पैरालिंपिक में भारत ने सभी तरह के मेडल जीतने का भी रिकॉर्ड कायम किया है। इस बार भारत के नाम 5 गोल्ड रहे। इससे पहले भारत किसी भी पैरालिंपिक गेम्स में 2 से ज्यादा गोल्ड नहीं जीत पाया था। इसी तरह भारत ने टोक्यो पैरालिंपिक में 8 सिल्वर जीते। भारत ने इससे पहले कुल मिलाकर 4 सिल्वर जीते थे। एक पैरालिंपिक में इससे पहले कभी 2 से ज्यादा सिल्वर नहीं आए थे। भारत ने इस बार 6 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इससे पहले कुल 4 ब्रॉन्ज जीते थे। ब्रॉन्ज भी इससे पहले किसी एक पैरालिंपिक में 2 से ज्यादा नहीं मिले थे।