काबुलः अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थिति अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर आतंकवादी हमले का खतरा मंजरा रहा है। अगले 36 घंटों के दौरान आतंकवादी यहां पर किसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। अमेरिका ने लगातार तीसरे दिन के लिए काबुल एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमले के खतरे का अलर्ट जारी किया है। अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों से तुरंत हट जाएं, क्योंकि वहां खतरा है। काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास ने ये सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया है।
आपको बता दें काबुल एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमले को लेकर अमेरिका ने पहला अलर्ट गुरुवार को जारी किया था और उसी दिन शाम को आतंकी संगठन ISIS-खुरासान (ISIS-K) ने एयरपोर्ट पर हमला किया था। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोगों की जान गई थी।
उधर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अफगानिस्तान के हालात पर बात की है। इस दौरान अफगानिस्तान में आपसी सहयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है। आपको बता दें काबुल एयरपोर्ट 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना के कब्जे में है, 1 सितंबर से यह तालिबान के कंट्रोल में चला जाएगा। इसी के मद्देनजर अमेरिका और भारत समेत कई देश काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हैं। भारत ने बीते शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान से अपने ज्यादातर लोगों को निकाल लिया है, लेकिन कुछ अभी भी अटके हुए हैं।
इस बीच अमेरिकी सैनिकों ने काबुल हवाई अड्डे के तीन गेट और कुछ अन्य हिस्सों को शनिवार को खाली कर दिया। इसके बाद तालिबान लड़ाकों ने इन इलाकों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। अफगानिस्तान के न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने इसकी पुष्टि की है। दूसरी तरफ एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अफसर ने बताया कि शनिवार को अमेरिका के ड्रोन हमले में आतंकी संगठन ISIS-K के 2 बड़े आतंकी मारे गए हैं, जबकि एक घायल हुआ है।
वहीं तालिबान ने अपने कब्जे से बचे अफगानिस्तान के एक मात्र पंजशीर प्रांत में दाखिल होने का दावा किया है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा, “इस्लामिक अमीरात की सेना ने शनिवार को बिना किसी विरोध और खून-खराबे के पंजशीर में एंट्री कर ली है। इस दौरान विरोधी पक्ष से उनकी कोई लड़ाई नहीं हुई।“ हालांकि, समांगानी ने ये भी कहा कि बातचीत के लिए अभी भी दरवाजे खुले हैं।
वहीं पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के दावों को खोखला बताया है। नॉर्दर्न अलायंस के प्रमुख अहमद मसूद के समर्थकों ने तालिबान के दावों को खारिज किया है। रजिस्टेंस फोर्स के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मोहम्मद अलमास जाहिद ने कहा, “पंजशीर में कोई लड़ाई नहीं हुई है। यहां तालिबान की एंट्री की खबरें बेबुनियाद हैं।“
तालिबान को कपिसा प्रांत में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। यहां अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में मुकाबला कर रहे नेशनल रजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। दोनों गुटों के बीच ये जंग कपिसा प्रांत के संजन और बगलान के खोस्त वा फेरेंग जिले में हो रही है। पंजशीर में सीजफायर के उल्लंघन की वजह से सालेह के लड़ाकों ने तालिबान पर पलटवार किया है।