टोक्योः टोक्यो पैरालिंपिक में शनिवार का दिन भारत के लिए खुशी का दिन रहा। भारत की बेटी भाविना पटेल ने टेबल टेनिस इवेंट में आज इतिहास रच दिया। उन्होंने सेमीफाइनल में चीन की मिआओ झैंग को 3-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इसके साथ ही भाविनाबेन टेबल टेनिस इवेंट के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय बन गई हैं।

भाविना शनिवार को क्लास 4 के इस सेमीफाइनल में कमाल का खेल दिखाया। 34 वर्षीय पटेल ने पैरालिंपिक में अपने शानदार खेल से भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी है। उन्होंने दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी को 7-11 11-7 11-4 9-11 11-8 से हराया। यह मुकाबला 34 मिनट तक चला।

भाविनाबेन का फाइनल में दुनिया की नंबर पैडलर चीन की यिंग झुओऊ से रविवार को मुकाबला होगा। गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे से दुकानदार हसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को मेडल का दावेदार नहीं माना जा रहा था लेकिन अपने पहले ही पैरालिंपिक में उन्होंने यादगार बना दिया।

भाविना ने जीत के बाद कहा, “’जब मैं यहां आई, तो मैं सिर्फ यही सोचा था कि मैं अपना 100 पर्सेंट दूंगी। मैंने इसके अलावा ज्यादा नहीं सोचा था। अगर मैंने अपना 100 प्रतिशत दिया तो मेडल आएगा। मैंने यही सोचा था।’ पटेल को 12 साल की उम्र में पोलियो हो गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और जीवन को नई दिशा देने का काम जारी रखा।“

उन्होंने कहा, “अगर मैं इस आत्मविश्वास को कायम रख पाई तो देश के लोगों की दुआओं की मदद से, मुझे लगता है कि कल मैं गोल्ड जीत जाऊंगी। मैं फाइनल के लिए तैयार हूं और इसमें भी अपना 100 पर्सेंट दूंगी।“

भाविना सेमीफाइनल में पहले गेम में कड़े मुकाबले में हार गई थीं, लेकिन इसके बाद उन्होंने दमदार वापसी की। उन्होंने 2-1 की बढ़त बना ली। वह शानदार फॉर्म में थीं और सिर्फ चार मिनट में उन्होंने तीसरा गेम अपने नाम कर लिया। चौथे गेम में झैंग ने वापसी की और जीत हासिल की। अब मैच निर्णायक गेम में पहुंचा। यहां पटेल ने जल्द ही 5-0 की बढ़त बना ली लेकिन चीनी खिलाड़ी ने फिर वापसी की। वह 5-9 से पीछे चल रही थीं लेकिन लगातार तीन पॉइंट्स जीतकर उन्होंने स्कोर 8-9 बना लिया।

भाविना ने क्वॉर्टर फाइनल में 2016 में रियो ओलिंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट बोरिस्लावा पैरिक रैनकोविक को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

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