दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छठी से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया गया है। यहां स्कूल ऐसा दो चरणों में खोले जाएंगे। पहले चरण में 1 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक से विद्यालय खुलेंगे, जबकि जबकि दूसरे चरण में 8 सितंबर से छठी से आठवीं तक के स्कूल खुल जाएंगे।

दिल्ली में स्कूलों को खोलने के बारे में गाइडलाइंस तैयार करने के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद आज दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (डीडीएमए) की बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि बड़े बच्चों के पहले बुलाया जाए और एक हफ्ते के बाद छोटे बच्चों को भी बुलाने की अनुमति दी जाए।

विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मिलने के अगले दिन यानी शुक्रवार को डीडीएमए की  बैठक हुई, जिसमें स्कूल खोलने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चर्चा हुई। इसके बाद यह तय किया गया कि बड़े बच्चों को अगले महीने की पहली तारीख से स्कूल बुलाया जाएगा। 1 सितंबर से कक्षा 9 से 12 के बच्चे आने लगेंगे और फिर आठ दिनों बाद 8 सितंबर से छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों को भी स्कूल आने की अनुमती दे दी जाएगी। अभी दिल्ली के स्कूलों में 10वीं से 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को एडमिशन, प्रैक्टिकल वर्क से जुड़ी गतिविधियों के लिए स्कूल जाने की इजाजत है।

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की रफ्तार बिल्कुल धीमी पड़ गई है, जिसके मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। यहां पर पिछले कई सप्ताह से नए कोरोना केस की सख्यां 20-50 के बीच रह रही है। इस दौरान कई दिन महामारी से एक भी मौत नहीं होने की खुशखबरी भी मिलती रही है। दिल्ली में गुरुवार को कोविड-19 से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया जबकि संक्रमण के 45 नए मामले सामने आए।

राष्ट्रीय राजधानी में वैश्विक महामारी कोविड-19  भले ही नियंत्रण में दिख रही हो, लेकिन अभिभावक अब भी बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर काफी असमंजस में हैं। एक्सपर्ट्स की तरफ से तीसरी लहर की चेतावनी और नई लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने के दावों के बीच बच्चों के मात-पिता फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि वह स्कूल खुलने पर क्या करें। ऐसे में पूरी संभावना है कि शुरुआती दिनों में स्कूलों में ज्यादा बच्चे नहीं देखे जाएं।

वहीं दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में तो टीचर्स और स्टाफ का वैक्सीनेशन करीब-करीब पूरा हो गया है। अब सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि प्राइवेट स्कूलों में भी सभी टीचर्स और स्टाफ का वैक्सीनेशन जल्द से जल्द पूरा हो। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में होने वाली डीडीएमए की मीटिंग में सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शामिल हुए। इसके अलावा एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल समेत अलग-अलग फील्ड के एक्सपर्ट्स भी इस बैठक में मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि सितंबर के पहले हफ्ते में ही स्कूलों को खोलने के बारे में फैसला लिया जा सकता है।

डीडीएमए (DDMA) यानी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी के सभी स्कूलों को समयबद्ध तरीके से फिर से खोलने की सिफारिश की है। समिति ने कहा है कि पहले कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोला जाए। इसके बाद मिडल स्कूल और फिर अंत में प्राथमिक विद्यालय के छात्रों स्कूल बुलाया जाए।

आपको बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण दिल्ली में लंबे समय से स्कूल बंद चल रहे है। हालांकि बीच में केवल सीनियर क्लासेज को लेकर स्कूल खोले गए थे, लेकिन जूनियर और प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल अभी बंद चल चल रहे हैं।

विशेषज्ञ समिति ने क्या की सिफारिशेंः-
दरअसल दिल्ली में स्कूल किस तरह खोले जाएं, इसको लेकर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन किया था। सूत्रों के मुताबिक समिति ने दिल्ली सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में निम्लिखित सिफारिशें की हैंः-

– सभी क्लासों के लिए स्कूल खोले जाएं
– स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाए
– सबसे पहले बड़ी क्लास के छात्रों के लिए खोले जाएं स्कूल
– उसके बाद मिडिल और आखिर में प्राइमरी क्लास खोली जाएं
– DDMA की बैठक में लिया जाएगा अंतिम फ़ैसला

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