दिल्लीः सरकार ने बैंक कर्मचारियों को बड़ी खुशी दी है। सरकार ने बुधवार को सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बैंक कर्मचारियों के लिए पेंशन पेआउट दिया। इसके कारण बैंक कर्मचारियों को अब 30 से 35 हजार रुपए तक की पेंशन मिल सकती है। पहले यह 9,284 रुपए थी।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वित्तमंत्रालय के सचिव देबाशीष पांडा ने बताया कि बैंक कर्मचारियों के लिए पेंशन पेआउट को बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके तहत सरकारी बैंकों का कर्मचारियों के पेंशन में एनपीएस (NPS) के तहत जो योगदान है, उसे 14 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। पहले यह 10 प्रतिशत हुआ करता था। इसी के साथ सरकारी बैंकों के जिन कर्मचारियों की कोरोना के दौरान मौत हुई है, उनके परिवार को मिलने वाली पेंशन में 30 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। यह इजाफा उनकी लास्ट सैलरी के आधार पर हुआ है।

 पांडा ने कहा कि हम महंगाई की दर को 6 फीसदी के नीचे रखने में कामयाब रहे हैं। आने वाले फाइनेंशियल सेक्टर में यह 4-6 प्रतिशत के बीच रह सकती है। खाने के तेल और अन्य सामानों पर कस्टम ड्यूटी को कम किया गया है। हम इस पर निगरानी रखेंगे। सरकारी बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा कमाया था।

उन्होंने कहा कि बैंकों ने बुरे फंसे कर्जों के साथ सभी पैरामीटर्स पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पिछले वित्त वर्ष में बैंकों ने 69 हजार करोड़ रुपए जुटाए थे। इस वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों में बैंकों ने 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जुटाए हैं।

वहीं वित्तमंत्री ने बताया कि  बैंकों ने अपना प्रजेंटेशन दिया, जिसमें आत्मनिर्भर भारत का भी पूरा ब्योरा शामिल था। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री के पास अब यह अवसर है कि वे बैंकों के अलावा भी दूसरे माध्यम से पैसा जुटा रहे हैं। बैक भी बाजार से पैसा जुटा रहे हैं। सरकारी बैंक राज्य सरकारों के साथ काम करें। एक जिला एक प्रोडक्ट के लिए काम करें। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश में उभरते सितारे प्रोडक्ट को लांच किया गया है। बैंक इसके लिए कॉमन इंफ्रा प्लेटफॉर्म बना सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कहा कि सरकारी बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और वे अब फायदा दे रहे हैं। भारतीय सरकारी बैंक कोरोना के समय में अच्छा प्रदर्शन किए हैं। कोरोना से पहले बड़े बैंकों में छोटे बैंकों का विलय किया गया था। इस वजह से ग्राहकों को कोई दिक्कत नहीं हुई और बैंक अच्छा काम कर रहे हैं। बैंक विलय से संबंधित सभी काम अच्छा कर रहे हैं। बैंक कस्टमर एक्सपीरिएंस में सुधार कर रहे हैं।

सीतारमण ने कहा कि कोरोना के समय कस्टम विभाग के अधिकारियों ने बिना आराम किए हुए काम किया। कस्टम विभाग ने सातों दिन 24 घंटे काम किया। इसी तरह जीएसटी अधिकारियों ने भी काम किया। जीएसटी का औसत कलेक्शन हर महीने 1 लाख करोड़ रुपए रहा है।

केंद्रीय वित्तमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस को होम वर्क करने की जरूरत है। जहां तक देश बेचने की बात है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि पुणे कॉरिडोर प्रोजेक्ट को किसने मॉनिटाइज किया? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए किसने एफआरपी मंगाया? उस समय भी कांग्रेस सरकार ही थी। 27 अगस्त 2008 को दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) मंगाया गया था।

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