दिल्लीः टीम इंडिया के प्रमुख कोच रवि शास्त्री की नई किताब बाजार में आ चुकी है। ‘स्टारगेजिंग: प्लेयर्स इन माइ लाइफ’… नामक इस किताब में क्रिकेट से कई मजेदार घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शास्त्री इस किताब में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली में बारे में क्या लिखा है।

शास्त्री ने अपनी कितान में विराट कोहली का जूनुनी बताते हुए लिखा है कि चीकू की यही खूबी उसे दूसरे क्रिकेटर्स से अलग बनाती है। शास्त्री कहते हैं कि बीते चार दशक में मैंने किसी भारतीय खिलाड़ी को इस कदर मेहनत करते नहीं देखा। उनकी ट्रेनिंग, डाइट ने पूरे ड्रेसिंग रूम का माहौल बदला है, लेकिन ये सिर्फ एक हिस्सा है। विराट इतनी ही डेडिकेशन से नेट्स भी करता है। वह लगातार सुधार करना चाहता है।


शास्त्री ने बताया कि विराट ‘नेट्स पर घंटों गुजारता है। वह किसी टीम या गेंदबाज के खिलाफ स्टांस, बैकलिफ्ट जैसी छोटी-मोटी गलतियों को भी सुधारने में पूरी ताकत लगा देता है। शास्त्री कहते है कि विराट सिर्फ टीम में बेस्ट नहीं बनना चाहता, बल्कि दुनिया के बेस्ट के बीच भी बेस्ट होना चाहता है। उसे अब लड़ने की आदत हो चुकी है। यह कोहली के साथ-साथ पूरी टीम के लिए भी अब अच्छा है। दूसरे शब्दों में वह रेस्टलेस है।’


शास्त्री ने अपनी किताब में बताया है कि विराट हमेशा नया करना चाहता है। वह हमेशा नई चीजों की तलाश में रहता है। नए प्रयोग करता है। असफलताओं को विराट सबक की तरह लेता है। यानी वह असफलता से डरता है। वह हमेशा जोश में होता है, कुछ मैदान पर इसे क्रिकेट की तमीज के खिलाफ समझते हैं, लेकिन यही उसका नेचुरल स्वभाव है। यही उसे मैदान पर अपने विरोधी के सामने एक मजबूत योद्धा बनाता है।

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