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वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि अफगानिस्तान के नेताओं को अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ा होने। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की सैनिकों की संख्या तालिबानी लड़ाकों से अधिक है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान के 65 प्रतिशत हिस्से पर हिस्से पर तालिबान कब्जा जमा चुका है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं वापस बुलाने का उन्हें अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की सेना को हवाई सहायता, भोजन, इक्विपमेंट और सैलेरी देता रहेगा।

उन्होंने कहा कि हमने अफगानिस्तान के तीन लाख से अधिक सैनिकों को ट्रेनिंग दी। अब उन्हें जिम्मेदारी संभालनी होगी। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आदेश दिया है। उधर, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब तक वहां से 90 प्रतिशत से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अफगानिस्तान गया था जिन पर 11 सितंबर को हमला किया गया। वह उन दहशतगर्दों को तबाह करने गया था, जो अमेरिका पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह बनाना चाह रहे थे।

आपको बता दें कि तालिबानी आतंकवादियों ने पांच दिन के अंदर अफगानिस्तान की पांच प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। उत्तर में कुंदूज, सर-ए-पोल और तालोकान पर अब उसका कब्जा है। ये शहर अपने ही नाम के प्रांतों की राजधानियां हैं। वहीं

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले सुरक्षित है। यहां पर तालिबानी आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला कर गत बुधवार को रक्षा मंत्री के घर को निशाना बनाया था। इस हमले में 8 नागरिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए।

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