दिल्‍लीः मुगल बादशाह शाहजहां की रंगो में राजपूत खून था। यह कहना है मशहूर गीतकार जावेद अख्तर का। अख्तर के इस बायन को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है। कोई दुनिया के अजूबों में शुमार ताजमहल के बनवाने वाले शाहजहां की तारीफ में कसीदे गढ़ रहा है, तो कोई मुगलिया सल्‍तनत को लानतें भेज रहा

दरअसल जावेद अख्तर के ट्वीट कर कहा है कि शाहजहां की रगों में राजपूतों का भी खून था, इसके बावजूद लोग उन्‍हें ‘विदेशी’ कहकर बुलाते हैं। उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा, “(बराक) ओबामा के पिता केन्‍याई थे। उनके चाचा-चाची अब भी केन्‍या में ही रहते हैं, लेकिन चूंकि ओबामा का जन्‍म अमेरिका में हुआ इसलिए उन्‍हें राष्‍ट्रपति चुनाव लड़ने का अधिकार मिल गया। शाहजहां भारत में 5वां सेनापति था, उसकी दादी और मां राजपूतानी थीं (75 प्रतिशत राजपूत खून) लेकिन वे उन्‍हें विदेशी कहते हैं।”

अख्‍तर के इस ट्वीटर को लेकर ट्विटर पर एक नई बहस छिड़ गई। लोग तर्क देने लगे कि ओबामा ने शाहजहां की तरह अत्‍याचार नहीं किए थे, ना ही ओबामा के पूर्वजों ने भारत पर आक्रमण किया था। कुछ लोगों ने जावेद का समर्थन भी किया और कहा कि मुगलों को विदेशी बताने से भारत की विरासत का एक बड़ा हिस्‍सा अलग-थलग कर दिया जाता है।


जावेद अख्‍तर के ट्वीट पर जवाब देते हुए कल्‍पना झाझरिया ने लिखा, “उसने (ओबामा) कभी उस देश पर हमला नहीं किया… और यहां भी उन्‍हें (मुस्लिमों) चुनाव लड़ने का अधिकार है। आप दो अलग-अलग चीजों की तुलना क्‍यों कर रहे हैं? तो 75 प्रतिशत खून का मतलब है कि उनके नाम भी राजपूतों जैसे होंगे? आप जैसे लोग देश में कभी सच्‍चा भाईचारा नहीं चाहते…. इसलिए ऐसे ट्वीट्स करते हैं।”

इसके जवाब में जावेद अख्‍तर ने लिखा, “शाहजहां की दादी हरखा बाई और मां जगत गोसाईं थीं। उन्‍होंने कभी धर्मांतरण नहीं किया और बाद में उन्‍हें अंतिम संस्‍कार हुआ। जगत गोसाईं की छतरी इलाहाबाद के पास है जहां उन्‍हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया था और उनके बेटे शाहजहां ने उन्‍हें मुखाग्नि दी थी।”

मुगल काल में हिंदुओं से तीर्थयात्रा पर लिया जाने वाला टैक्‍स जजिया कर को लेकर जावेद अख्तर ने एक यूजर को जवाब देते हुए लिखा, “शाहजहां ने नहीं, बल्कि औरंगजेब ने फिर से यह कर लगाया था जिसे अकबर ने रोक दिया था। शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अकबर से इतर आप लोगों को बांट रहे हैं और इसका नतीजा आपके साम्राज्‍य का अंत होगा। वह सही थे।”

इसके बाद ट्विटर पर शाहजहां ट्रेंड करने लगा। जब एक यूजर ने कहा कि शाहजहां का खुद को भारतीय मानना मुश्किल है क्‍योंकि उस वक्‍त कोई भारत था हीं नहीं। इसपर लोगों ने पुराने मानचित्र शेयर करने शुरू किए जिनमें साफ तौर पर ‘हिंदुस्‍तान’ और ‘भारत’ का जिक्र है। कई ऐतिहासिक दस्‍तावेजों का भी हवाला दिया गया।

आपको बता दें कि शाहजहां पांचवें मुगल बादशाह थे और उनका शासनकाल  1628 से 1658 तक सत्‍ता था। शाहजहां के मुगल साम्राज्‍य का सांस्‍कृतिक विकास चरम पर था। आगरा का ताजमहल हो या चमचमाता कोहिनूर उनकी ख्याती को बढ़ाते हैं।

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