गुवाहाटीः कुछ लोग राजनीतिक हित साधने के लिए सीएए (CAA) यानी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी (NRC) यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं। इन दोनों का हिंदू-मुसलमान विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है। यह कहना है कि आरएसएस (RSS) यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का।

दो दिवसीय असम दौरे पर पहुंचे डॉ. भागवत ने बुधवार को यहां राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की मौजूदगी में NRC-CAA पर लिखी गई एक बुक का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने इन दोनों कानूनों को लेकर पर मुस्लिम समुदाय की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की और कहा कि इन दोनों को राजनीतिक साजिश के तहत हिंदू-मुस्लिम विभाजन की तरह पेश किया गया।

संघ प्रमुख ने कहा कि आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाएगा और अब तक ऐसा किया गया है। हम भी ऐसा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सीएए से किसी मुस्लिम को नुकसान नहीं होगा। इस कानून को इसलिए लाया जा रहा है, ताकि पड़ोसी मुल्कों में यातनाएं झेल रहे अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जा सके। उन्होंने कहा कि यदि बहुसंख्यक भी किसी डर के कारण हमारे देश में आना चाहते हैं तो हम उनकी भी मदद करेंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले चार जुलाई को यूपी के गाजियाबद में डॉ. भागवत ने एक किताब के लोकार्पण समारोह में कहा कि यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वे हिंदुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हो।

 

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