दिल्लीः राजनीतिज्ञों, पत्रकारों तथा अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति के फोन टेंपिंग का बवाल बढ़ता ही जा रहा है। इजरायल की इजराइली कंपनी के पेगासस सॉफ्टवेयर जरिए जासूसी के मामले में एक बड़ा दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि के पेगासस सॉफ्टवेयर जरिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, रंजन गोगई, अशोक ल्वासा के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल के भी फोन टेप किए गए थे। दुनियाभर के 16 मीडिया संस्‍थानों के कंसोर्टियम ने रविवार को एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें यह दावा किया गया है। इसके बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत समेत कई देशों की सरकारों ने 150 से ज्‍यादा पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्‍य ऐक्टिविस्‍ट्स की जासूसी कराई।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एनएसओ (NSO) ग्रुप के ‘पेगासस’ स्‍पाईवेयर का इस्‍तेमाल कर भारत में कम से कम 38 लोगों की निगरानी की गई। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

कांग्रेस इस मुद्दे पर हमलावर है। पार्टी कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी सरकार देशद्रोह की दोषी है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, सम्मानित पत्रकारों, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करवाई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलकर भारतीय जासूस पार्टी रख देना चाहिए।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया और  कहा कि कांग्रेस का तो इतिहास ही जासूसी का रहा है। उन्होंने सवाल किया कि पेगासस मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू क्यों होता है? क्या कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से लगे हुए थे कि यह मामला मानसून सत्र से पहले ही शुरू करना है ताकि देश में एक नया माहौल बनाया जाए

 

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