गाजियाबादः सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है, भले ही वे किसी भी धर्म के क्यों न हों। यह कहना है आरएसएस (RSS) यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत का। डॉ. भागवत रविवार को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान ‘द मीटिंग्स ऑफ माइंड्स: अ ब्रिजिंग इनीशिएटिव’ नाम की पुस्तक का विमोचन भी हुआ। इसके लेखक पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ ख्वाजा इफ्तिखार अहमद हैं।
डॉ. भागवत ने कहा कि भारत में इस्लाम को किसी तरह का खतरा नहीं है। मुसलमानों को इस तरह के किसी डर में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है और एकता के बिना विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बातें भी भ्रामक हैं, क्योंकि ये दोनों अलग नहीं, बल्कि एक हैं। लोगों के बीच पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने मॉब लिंचिंग करने वालों को हिंदुत्व के खिलाफ बताया।
उन्होंने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि हम पिछले 40 हजार साल से एक पूर्वजों के वंशज हैं। इसमें एकजुट होने जैसी कोई बात नहीं है, सभी लोग पहले से ही एक साथ हैं। उन्होंने कहा, “हम एक लोकतंत्र में हैं। यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है।“