नई दिल्ली.
मौसम बदले ही लोगों को सर्दी- जुकाम, खांसी की समस्या होने लगती है। ऐसे में दवाइयों की जगह आप औषधीय जड़ी-बूटी पिप्पली का सेवन भी कर सकते हैं। पिप्पली लंबा काले रंग का एक मसाला होता है। इसका स्वाद काली मिर्च की तरह बहुत ही तीखा होता है। इसे लंबी काली मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, अमिनो एसिड, विटामिन और मिनरल्स होते हैं। पिप्पली की तासीर काफी गर्म होती है और इसी वजह से इसका उपयोग आयुर्वेदिक में जड़ी बूटी के रुप में किया जाता है।
काम की बातें-
-पिप्पली की तासीर गर्म होती है इसलिए ये सर्दी, जुकाम में काफी फायदेमंद है। रोज़ाना थोड़ी मात्रा में शहद के साथ पिप्पली के चूर्ण का सेवन करें इससे आपका जुकाम और सर्दी ठीक हो जाएगा। आप इस उपाय को हफ्ते में 3-4 बार कर सकते हैं।
-इसमें हेपाटो प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं जो लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं| इसके सेवन से पेट की सूजन भी कम हो जाती है| यह अल्कोहलिक फैटी लिवर के लिए सबसे कारगर औषधि मानी जाती है|
-जिन लोगों को पाचन से संबंधित कोई परेशानी है, वे रोज़ाना एक टाइम पिप्पली के काढ़े का सेवन करें। इसमें मिनरल्स और अन्य पौषक तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर से वात की समस्या को दूर करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
-अगर आपकी खांसी लंबे समय से आपका पीछा नहीं छोड़ रही है तो आप पिप्पली का इस्तेमाल करें| इसमें पाया जाने वाला एंटीट्यूसिव खांसी को जड़ से खत्म करने में मद्द करता है|
-इसमें पिपराइन नामक एल्कलॉइड होता है जो दांतों की किसी भी तरह की समस्या के लिए रामबाण इलाज माना जाता है| पिप्पली को पीस कर इसका पाउडर बना ले और इसे दांतों पर रगड़ें| इससे दांत का दर्द ठीक हो जाएगा।
-अगर अस्थमा के कारण गले में सूजन आ जाती है या सांस लेने में तकलीफ हो तो आप पिप्पली का सेवन करें| यह अस्थमा के लिए कारगर औषधि मानी जाती है| यह ब्रोन्कियल अस्थमा के लिए सबसे ज़्यादा फायदेमंद होता है।