दिल्लीः मोदी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा तथा इसके तहत कांग्रेस से बीजेपी में आए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुशील मोदी, सर्बानंद सोनोवाल, नारायण राणे और भूपेंद्र यादव सहित 27 लोगों को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने की संभावना है, उनमें मध्य प्रदेश से सिंधिया, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, राजस्थान से भूपेंद्र यादव और मध्य प्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय शामिल है। बीजेपी प्रवक्ता एवं अल्पसंख्यक चेहरा सैयद जफर इस्लाम भी केंद्र सरकार में भूमिका निभा सकते हैं।

मंत्री बनने वालों की सूची में असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे के अलावा, महाराष्ट्र बीड के सांसद एवं दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे भी शामिल हैं। वहीं यूपी से बीजेपी यूपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह, पंकज चौधरी, वरुण गांधी और गठबंधन सहयोगी अनुप्रिया पटेल संभावितों में शामिल हैं।

वहीं राज्यसभा सांसद अनिल जैन, अश्विनी वैष्णव और बैजयंत पांडा, बंगाल के पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी भी मंत्री बन सकते हैं। राजस्थान से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी, राहुल कस्वां और सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। वहीं दिल्ली से एकमात्र चेहरा मीनाक्षी लेखी के रूप में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है।

काफी माथापच्ची के बाद बिहार से  चिराग पासवान के खिलाफ बगावत करने वाले पशुपति पारस को मंत्री बनाने पर सहमति बनी है। वहीं जेडीयू के आरसीपी सिंह और संतोष कुमार भी इस सूची में हैं। कर्नाटक का प्रतिनिधित्व राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर कर सकते हैं। गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल मंत्री बन सकते हैं।
हरियाणा से सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल,  संसद में भाषण से लोगों को प्रभावित करने वाले लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल पर भी विचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि एलजेपी नेता रामविलास पासवान और सुरेश अंगड़ी जैसे नेताओं असामयिक निधन और अकाली दल तथा शिवसेना के मंत्रिमंडल से बाहर होने के कारण मंत्रिमंडल में फेरबदल हो रही है।

आगामी यूपी चुनाव के मद्देनजर एक मजबूत संगठनात्मक चेहरे भूपेंद्र यादव के तौर पर शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि 2019 में पीएम मोदी के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से यह इस तरह का पहला फेरबदल सह विस्तार होगा।

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