दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्युमेंट्स की समीक्षा की। मोदी ने 45 मिनट तक चली बैठक के दौरान कहा कि अयोध्या का विकास मॉडल ऐसा होना चाहिए, जिससे युवाओं में आध्यात्मिकता का सृजन हो, वे संस्कार के साथ अध्यात्म की शिक्षा प्राप्त कर सकें।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुई बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा समेत 13 लोग शामिल हुए। पीएम मोदी दिल्ली से, जबकि अन्य मंत्री और अधिकारी सीएम योगी के आवास से मीटिंग में जुड़े। इस बैठक से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दूर रखा गया।

मोदी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को डॉक्यूमेंट्स को लेकर कुछ फीडबैक दिए। साथ ही अधिकारियों ने भी प्रधानमंत्री से सुझाव देने का अनुरोध किया। बैठक के दौरान मोदी ने कहा कि अयोध्या का विकास मॉडल ऐसा होना चाहिए, जिससे युवाओं में आध्यात्मिकता का सृजन हो, वे संस्कार के साथ अध्यात्म की शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही उन्होंने अयोध्या विकास मॉडल को समय से पूरा करने के लिए कहा। और मॉडल को तैयार करने के लिए छह महीने से कड़ी मेहनत कर रहे अधिकारियों को बधाई दी। वहीं योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुकूल अयोध्या के विश्व स्तरीय विकास को समय से पूरा करने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट के इस वर्ष के अंत तक संचालन और दर्शन-मार्ग के कार्य को भी जल्द पूरा करने पर भी चर्चा हुई

समीक्षा बैठक में यूपी के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन शामिल हैं। इसके अलावा अधिकारियों में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर सचिव गृह एवं पर्यटन अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, अयोध्या मंडल के आयुक्त एमपी अग्रवाल, हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर अजय चौहान, अयोध्या के जिला अधिकारी अनुज कुमार झा और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी शामिल हुए।

विजन डॉक्यूमेंट में तीन तरह की योजनाओं लघु, मध्यम और दीर्घकालिक को शामिल किया गया है। पहली प्रमुख परियोजनाएं मध्यम और दीर्घकालिक हैं। इसमें चुने गए मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार, चयनित विरासत परिसरों का संरक्षण और एएसआई (ASI) की स्मारकों की देखरेख की जानी है।

इसके साथ ही राज्य पुरातत्व परिसर की बहाली, कोर एरिया रोड नेटवर्क की रेट्रोफिटिंग, सभी आध्यात्मिक क्षेत्रों का डॉक्यूमेंटेशन, विश्वकोश का निर्माण, वैदिक अध्ययन, उपनिषदों की पेशकश करने वाले वैदिक विश्वविद्यालयों की स्थापना, धार्मिक अध्ययन कौशल विकास केंद्रों की स्थापना और पश्चिमी मनोरंजक जिले में मेला मैदानों के विकास को शामिल किया गया है।

वहीं तीसरे लक्ष्य की प्रमुख परियोजनाएं लघु और तात्कालिक अवधि की हैं। इसमें सिविल लाइन पुनर्विकास परियोजना, मुख्य क्षेत्र का विकास, पार्कों और हरित नेटवर्क का विकास, रामायण युग के वृक्षारोपण, टीओडी नोड्स और कॉरिडोर का विकास, सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का विकास, सिंगल बेड रूम रेंटल हाउसिंग-सर्विस का विकास, अपार्टमेंट शामिल है। मध्यम और दीर्घकालिक प्रमुख परियोजनाओं में 103 जलाशयों का जीर्णोद्धार (कुंड) स्वच्छ औद्योगिक जिले का विकास, बुलेवार्ड्स का नेटवर्क ,सामाजिक बुनियादी सुविधाओं के विकास को शामिल किया गया है।

अयोध्या को आधुनिक पर्यटन सिटी तौर पर विकसित करने के साथ व्यापार तथा रोजगार के संसाधन को उपलब्ध कराने का भी विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। इस विजन डॉक्यूमेंट को पांच हजार नागरिकों और 500 पर्यटकों के सुझाव से तैयार किया गया है। विजन डॉक्यूमेंट के तहत चार लाख रोजगार तथा आठ  लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां देने की तैयारी है।

बैठक में बजट के अनुसार योजनाओं को जमीन पर लाने और भविष्य के लिए उन्हें तैयार रखने की रणनीति पर चर्चा हुई। इसके लिए केवल प्रदेश सरकार ने ही अकेले 14 हजार करोड़ की योजनाओं को तैयार किया है। केंद्र सरकार की कई योजनाएं भी इस विजन डॉक्यूमेंट्स में शामिल हैं। कई योजनाएं दोनों सरकारों के संयुक्त भागीदारी से जुड़ी हैं।

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