ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई नेताओं के पर्सनल ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक को हटा दिया था, लेकिन वेंकैया के अकाउंट पर ब्लूट किट फिर से लगा दिया है।  ट्विटर ने यह कार्रवाई नए आईटी नियमों को लेकर चल रहे विवाद के बीच की है।  न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक  नायडू का अकाउंट पिछले छह महीने से एक्टिव नहीं था। इस वजह से ट्विटर ने उनके निजी अकाउंट को अनवेरिफाइड किया कर दिया।

ट्विटर ने नायडू के अलावा आरएसएस के कई नेताओं के ट्विटर अकाउंट को अनवेरिफाई कर दिया गया है। ट्विटर ने जिन आरएसएस नेताओं के अकाइंट को अनवेरिफाई उनमें अरुण कुमार, भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। हालांकि, संघ प्रमुख और सरकार्यवाह के अकाउंट पर फिलहाल वेरिफाइड शो हो रहे हैं। इस बीच बीजेपी ने ट्विटर की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे भारत के संविधान पर हमला बताया।

आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति के निजी अकाउंट को 13 लाख लोग फॉलो करते हैं, लेकिन उनके ट्विटर अकाउंट से पिछले 11 महीने से कोई ट्वीट नहीं हुआ है। इस अकाउंट से 23 जुलाई 2020 को आखिरी बार ट्वीट किया गया था। अब आइए आपको बताते हैं कि क्या होता है ब्लू टिकः-

ट्विटर के मुताबिक, ब्लू वैरिफाइड बैज (ब्लू टिक) का मतलब होता है कि अकाउंट जनहित से जुड़ा और वास्तविक है। इस टिक को हासिल करने के लिए ट्विटर अकाउंट का सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। फिलहाल ट्विटर सरकारी कंपनियों, ब्रांड और नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन, समाचार संगठन और पत्रकार, मनोरंजन, स्पोर्ट्स एंड ई-स्पोर्ट्स, कार्यकर्ता, ऑर्गेनाइजर्स और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के खास अकाउंट्स को वैरिफाई करता है।

ट्विटर की शर्तों के मुताबिक, यदि कोई अपने हैंडल का नाम बदलता है या फिर यूजर अपने अकाउंट को उस तरह से इस्तेमाल नहीं करता, जिसके आधार पर वेरिफाई किया गया था। इस स्थिति में ब्लू टिक यानी ब्लू वैरिफाइड बैज बिना किसी सूचना के हटाया जा सकता है।

अब आइए आपको बताते हैं कि ट्विटर तथा सरकार के बीच क्या है विवादः –  नई गाइडलाइन को लेकर ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों विवाद चल रहा है। ट्विटर ने अभी तक इस पर अपनी रजामंदी नहीं दी है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here