चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी उतना ही बड़ा रहा है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के दौरान कही। मोदी ने आज आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से बात की। पीएम मोदी का यह ‘मन की बात’ 77वां कार्यक्रम था। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई, लेकिन देश ने आपदा के बीच अपनी क्षमताओं को बढ़ाया। अब हम पहले से 10 गुना ऑक्सीजन उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में आए चक्रवाती तूफान यास का उल्लेख करते हुए कहा कि सेवाभक्ति और अनुशासन ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है। उन्होंने कहा कि जल-थल-नभ तीनों सेना के सभी जवान कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं। पूरे देश को उन पर गर्व है।

मोदी ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स, डॉक्टर्स और नर्सों ने लगातार काम किया और आज भी कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई। काफी प्लांट पूर्वी हिस्सों में हैं, जहां से इसे पहुंचाने में दिक्कत आती है। इसमें हमारे टैंकर और ट्रेन ड्राइवर्स ने भी आगे आकर देश के लिए अपने कर्तव्य को निभाया है।

पीएम मोदी के मद के बात का कार्यक्रम संयोग से ऐसे दिन पड़ा था, जब केंद्र में मोदी के नेतृत्‍व में केंद्र सरकार के सात साल पूरा हुए हैं। केंद्र सरकार के सात साल पूरे होने पर पीएम ने कहा, “इन सात सालों में भारत ने ‘डिजिटल लेन देन’ में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। आज किसी भी जगह जितनी आसानी से आप चुटकियों में डिजिटल पेमेंट कर देते हैं, यह कोरोना के इस समय में भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। आज स्वच्छता के प्रति देशवासियों की गंभीरता और सतर्कता बढ़ रही है। हम रेकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रेकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं। इन सात वर्षों में ही देश के अनेकों पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है।”

उन्होंने कहा, “आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के सात साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है।”

पीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए कहा, “जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है। जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।”

उन्‍होंने कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी। क्या आपको पता है कि इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रेकॉर्ड उत्पादन किया है? किसानों ने रेकॉर्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रेकॉर्ड फसल खरीदी भी की है। इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है।”

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