जीएसटी काउंसिल ने छोटे कारोबारियों को अनुपालन में राहत देने का निर्णय लिया है। इसके तहत वार्षिक रिटर्न भरने में विलंब पर लगने वाले शुल्क में छूट दी जाएगी। कोरोना की दूसरी लहर के बीच शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक हुई। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक करीब सात महीने के बाद हुई। इससे पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक गत वर्ष अक्टूबर में हुई थी।

बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि  छोटे और मध्यम कारोबारियों पर कंप्लायंस के बोझ को घटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जीएसटी रिटर्न भरने में विलंब शुल्क और अमनेस्टी के मसले पर भी बैठक में चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि जीएसटी रिटर्न में देरी पर शुल्क में कमी की गई है। अमनेस्टी स्कीम के तहत छोटे और मध्यम आकार के कारोबारियों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिन कारोबारियों ने रिटर्न नहीं भरा है, वे अमनेस्टी स्कीम का फायदा उठाते हुए कम विलंब शुल्क के साथ रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

सीतारमन ने बताया कि छोटे कारोबारियों के लिए विलंब शुल्क में बदलाव और अधिकतम विलंब शुल्क में कमी करने का फैसला भविष्य में टैक्स फाइलिंग पर लागू होगा, जिससे छोटे कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों के लिए सालाना रिटर्न फाइलिंग वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी ऑप्शनल बनी रहेगी। इसका फायदा उन कारोबारियों को मिलेगा, जिनका टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से कम होगा। जिन कारोबारियों का टर्नओवर पांच करोड़ या इससे ज्यादा है, उन्हें वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिकॉन्सिलेशन स्टेटमेंट देना होगा।

 

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