देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में मामूली कमी के साथ ही इससे निजात पाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कुछ राज्यों से रिकवरी रेट बेहतर हुआ है, लेकिन कुछ राज्यों में स्थिति अभी भी चिंताजनक हैं। उत्तराखंड, सिक्किम, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गोवा, राजस्थान और केरल शामिल है। इन राज्यों में कोविड-19 रिकवरी रेट सबसे कम हैं। इन राज्यों में शुक्रवार तक औसतन 80 प्रतिशत से कम मरीज ठीक होकर अस्पताल से घर हए, जो राष्ट्रीय रिकवरी रेट 83.4 प्रतिशत से कम है।
कोविड-19 से ठीक होने के मामलों में दिन में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर पहले स्थान पर पहुंच गई है। दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बेहतर 92.8 प्रतिशत रिकवरी रेट है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और त्रिपुरा के साथ, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में बेहतर रिकवरी रेट है। इसके अलावा यूपी और असम में भी रिकवरी रेट 86 फीसदी से ज्यादा है।
वहीं इस जानलेवा विषाणु से निजात पाने के मामले में उत्तराखंड पहले नंबर पर है। उत्तराखंड में सबसे कम रिकवरी रेट 67.8 प्रतिशत है। इसके बाद सिक्किम (68.5%), कर्नाटक (70.6%), हिमाचल (72%), गोवा (73.2%), राजस्थान (73.4%) और केरल (78.3%) हैं। मिजोरम, लक्षद्वीप, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी अन्य ऐसे हैं जिनका रिकवरी रेट 75 प्रतिशत से कम है।
इसके अलावा मेघालय, पंजाब, गुजरात, ओडिशा, झारखंड, चंडीगढ़, हरियाणा, मणिपुर, एमपी, बिहार और आंध्र प्रदेश में रिकवरी रेट 80 प्रतिशत और 85 प्रतिशत के बीच है। हालांकि कम रिकवरी रेट का मतलब यह नहीं है कि उच्च मृत्यु दर (प्रति 100 मामलों में मृत्यु) है। उदाहरण के लिए, 80.8 प्रतिशत के रिकवरी रेट वाले पंजाब में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में मृत्यु दर सबसे अधिक 2.4% है। इसके बाद सिक्किम और उत्तराखंड क्रमशः 1.8% और 1.6% के साथ हैं।
बात कोरोना से होने वाली मौतों की करें, तो दिल्ली और महाराष्ट्र प्रत्येक में 1.5 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ उच्चतम मृत्यु दर वाले टॉप पांच राज्यों में शामिल हैं। ये दोनों भी महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। महाराष्ट्र में अब तक 52.7 लाख और दिल्ली में 13.7 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुकी है।