नई दिल्ली
केंद्र सरकार और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक अन्य कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए तैयार हैं, जो कोवैक्सिन का उत्पादन करने में मदद करना चाहते हैं। नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा, जो कंपनियां जो कोवैक्सिन का निर्माण करना चाहती हैं हम उन्हें खुला निमंत्रण देते हैं। इसे एक साथ करना चाहिए। केंद्र सहायता करेगा ताकि क्षमता बढ़ाई जा सके।”
बता दें कि भारत जैसे बड़े देश में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार फिलहाल धीमी है। इसका प्रमुख कारण है उत्पादन और डिमांड में काफी अंतर है। डॉ. पॉल ने कहा, “हम सीमित आपूर्ति के दौर से गुजर रहे हैं। पूरी दुनिया इससे गुजर रही है। इस चरण से बाहर आने में समय लगता है।” उन्होंने कहा कि स्पुतनिक वैक्सीन की कुछ खेप भी देश में आ गई है और उन्हें उम्मीद है कि वे अगले सप्ताह से उपलब्ध होंगी।
अब ये बात साफ़ हो चुकी है कि देश ही दुनिया में एक बड़ी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त टीके उपलब्ध ही नहीं हैं। एस्ट्राज़ेनेका की कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया आपूर्ति से जुड़ी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए जूझ रही है। भारत के कई राज्य आज 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों के टीकाकरण हेतु ज़रूरी वैक्सीन के पर्याप्त डोज़ जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
आपको बता दें कि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि सरकार ने वैक्सीन योजना को गलत तरीके से पेश किया था। सरकारी आंकड़ो के अनुसार, भारत में रोजाना 4000 के करीब मरीजों की कोरोना के कारण मौत हो रही है। संक्रमण के नए मामले भी बीते दिनों चार लाख के पार कर गए। इस बीच कई राज्यों में टीकों की कमी के बीच एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की खुराक के बीच के अंतराल को 16 सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है। इस बीच, भारत में कोरोना की तीसरी लहर ने विशेषज्ञों की भी चिंता बढ़ा दी है।