देश में कोरोना वायरस महामारी कहर जारी है. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार स्थिति को नियंत्रण के लिए जो प्रयास कर रही हैं वो नाकाफी साबित हो रहे हैं. ऐसे में कोविड-19 की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है और 4 मुद्दों पर नेशनल प्लान की जानकारी मांगी है. इस मामले पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं अपने पास ट्रांसफर कर लिया है. मामले में कोर्ट ने हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने जिन चार मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा है, उनमें देश में ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीनेशन के तरीके और लॉकडाउन घोषित करने का अधिकार राज्य सरकारों को हो, ये विषय शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोवि़ड-19 से जुड़े मुद्दों पर 6 अलग-अलग हाई कोर्ट का सुनवाई करना किसी तरह का भ्रम पैदा कर सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह लॉकडाउन घोषित करने की हाई कोर्ट की न्यायिक शक्तियों के बारे में भी विचार करेगा.

इससे पहले बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे दिल्ली के उन अस्पतालों को फौरन किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए जो इसकी कमी से जूझ रहे हैं. हाई कोर्ट ने कहा था, ‘‘केंद्र हालात की गंभीरता को क्यों नहीं समझ रहा? हम इस बात से स्तब्ध और निराश हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है लेकिन स्टील प्लांट चल रहे हैं.’’

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