Oxygen Supply
सांकेतिक तस्वीर

देश में कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में जारी है. केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए जुटी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन के गम्भीर मुद्दे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है. ऐसे में  केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पत्र जारी किया गया है. मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित ना हो, इससे जुड़े सख्त आदेश इसमें दिए गए हैं. जैसे मेडिकल ऑक्सीजन को इधर से उधर ट्रांसपोर्ट करने पर लगाए गए प्रतिबंध बाधा पैदा नहीं करेंगे. गृह मंत्रालय ने कुल 7 पाइंट में आदेश जारी किया है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति होती रहे.

गृह मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकरों को ना रोका जाए, बिना रोक टोक टैंकर्स को आने-जाने की मंजूरी दी गई है.

ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए गृह मंत्रालय ने बताए 7 पाइंट-

पहले पाइंट में कहा गया है कि राज्य के अंदर मेडिकल ऑक्सीजन के टैंकर्स को इधर से उधर लेकर जाने पर कोई रोक-टोक ना हो.

दूसरे पाइंट में कहा गया है कि ऑक्सीजन उत्पादकों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होनी चाहिए कि वह सिर्फ उसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेशे के हॉस्पिटल के लिए ही ऑक्सीजन बना सकते हैं.

तीसरे पाइंट में लिखा है कि जिस तरह शहरों में टाइमिंग के हिसाब से नाइट कर्फ्यू आदि लगाया गया है. वह ऑक्सीजन लेकर जाने वाले वाहनों पर लागू ना हो.

चौथे पाइंट में कहा गया है कि कोई भी प्रशासन किसी ऑक्सीजन लेकर जाने वाले वाहन को किसी विशेष जिले या इलाके के लिए ऑक्सीजन सप्लाई के लिए फिक्स ना करे.

अगले पाइंट में लिखा है कि इंडस्ट्रियल यूज के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई 22 अप्रैल से अगले आदेश तक के लिए वर्जित रहेगी. सिर्फ उन्हीं इंडस्ट्री को छूट रहेगी जिनको सरकार ने दी हुई है.

छठे पाइंट में लिखा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात का खास ध्यान रखना है कि मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई में कोई बाध्यता ना आए.

जिला मैजिस्ट्रेट, डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी, एसपी, डीसीपी को ऑर्डर दिया गया है कि ऊपर बताई गई चीजों को लागू करवाने की जिम्मेदारी उन लोगों पर है.

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