कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कुंभ मेले को खत्म करने की कवायदत शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसकी पहली की है। उन्होंने साधु-संतों से अपील की है कि अब कुंभ को प्रतीकात्मक रखा जाए। उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से फोन पर बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने कुंभ मेले में संक्रमित पाए जा रहे साधु-संतों का हालचाल भी जाना।

पीएम शनिवार को ट्वीट कर कहा, “आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।?

मोदी से बात करने के बाद महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी सोशल मीडिया दोनों के बीच हुई बातचीत की जानकारी शेयर की। उन्होंने लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं। स्वयं एवं अन्य के जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना के नियमों का निर्वहन करें।“

उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्नान पूरे हो चुके हैं। सिर्फ बैरागियों का स्नान बचा है। इसमें बहुत कम साधु शामिल होंगे और वे भी मानते हैं कि यह स्नान प्रतीकात्मक होना चाहिए।

आपको बता दें कि कोविड-19 बढ़ते मामलों को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही कुंभ मेला खत्म करने का ऐलान कर दिया था। इस अखाड़े के 17 साधु-संत संक्रमित हो चुके हैं। इस अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी खुद संक्रमित हैं। कुंभ मेले में शामिल होने वाले करीब 70 से ज्यादा साधु-संत अब तक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बड़ी संख्या में संतों की टेस्टिंग हो रही है। दो दिन पहले ही अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास की मौत भी हो चुकी है।

उधर, कुंभ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। एक वकील ने कोर्ट में याचिका दायर केंद्र और उत्तराखंड सरकार को लोगों को कुंभ में आने का निमंत्रण देने वाले सभी विज्ञापन हटाए जाएं।

 

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