जस्टिस एनवी रमन देश के अगले सीजेआई यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस रमन को सुप्रीम कोर्ट नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग की ओर से आज जारी विज्ञप्ति के अनुसार कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध दो में प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल कर जस्टिस रमन को नया सीजेआई नियुक्त किया है, जिनका कार्यकाल मौजूदा सीजेआई एसए बोबडे की सेवानिवृत्ति के बाद से प्रभावी होगा। इस नियुक्ति से सम्बन्धित वारंट और अधिसूचना जस्टिस रमन को सौंप दी गई है।
जस्टिस देश के 48वें सीजेआई होंगे। उनका शपथ ग्रहण 24 अप्रैल को होगा। जस्टिस रमण 26 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस नूतलपति वेंकट रमण (NV Ramana) को फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। उन्होंने 10 फरवरी 1983 में वकालत शुरू की थी।
जस्टिस रमन किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं तथा उन्होंने साइंस और लॉ में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस की है। उन्होंने राज्य सरकारों की एजेंसियों के लिए पैनल काउंसेल के तौर पर भी काम किया है। वह 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किए गए थे। इसके बाद साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रहे हैं।
जस्टिस रमन का दो सितंबर 2013 को प्रमोशन हुआ और दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस नियुक्त किए गए। इसके बाद 17 फरवरी 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। पिछले कुछ सालों में जस्टिस रमण का सबसे चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली को लेकर रहा है। साथ ही चीफ जस्टिस के कार्यालय को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी जस्टिस रमण सदस्य रह चुके हैं।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जजों की अनुमोदित संख्या 34 है। हालांकि, कोर्ट वर्तमान में 30 जज ही कार्यरत हैं, क्योंकि जस्टिस गोगोई, जस्टिस गुप्ता, जस्टिस भानुमति और जस्टिस मिश्रा की सेवानिवृत्ति के बाद अब तक एक भी जज की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जस्टिस गोगोई 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि अन्य सभी 2020 की शुरुआत में सेवानिवृत्त हुए थे.