Naxal
फाइल फोटो

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के तीन और दो डीआरजी के जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 12 घायल बताए जा रहे हैं. हालांकि सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया है. मुठभेड़ तर्रेम थाना क्षेत्र के सिलगेर के जंगलों में हुई है. तर्रेम के लिए 9 एम्बुलेंस मौके पर भेजे गए हैं. इसके अलावा बीजापुर 2 MI-17 हेलीकाप्टर पहुंचे हैं, जिनके जरिए घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया जाएगा.

जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच में मुठभेड़ थम गई है. इस बीच घटनास्थल से तर्रेम थाना के लिए जवान रवाना हो गए हैं. STF, DRG, CRPF और कोबरा के करीब 400 जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए निकले थे. नक्सलियों के बटालियन कमांडर हिड़मा के टीम के साथ एनकाउंटर की बात सामने आए रही है. घटनास्थल के लिए बैकअप पार्टी को किया गया और रवाना किया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना पर नजर बनाए हुए हैं. झीरम हमले का मास्टरमाइंड हिड़मा सिलगेर गांव का ही रहने वाला है.

इससे पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने भी बताया था कि बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ हुई है. तर्रेम क्षेत्र में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था. दल जब क्षेत्र में था तब नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की है तथा क्षेत्र में मुठभेड़ जारी है. घायल जवानों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.

इससे पहले 23 मार्च को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबल के जवानों को लेकर जा रही बस को उड़ा दिया था. घटना में पांच जवान शहीद हो गए थे, जबकि 13 अन्य जवान घायल हुए थे. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया था कि नारायणपुर जिले के धौड़ाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत कन्हरगांव—कड़ेनार मार्ग पर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबलों को लेकर जा रही बस को उड़ा दिया. इस घटना में वाहन चालक करन देहारी, प्रधान आरक्षक पवन मंडावी, जयलाल उइके, आरक्षक सेवक सलाम और सहायक आरक्षक विजय पटेल शहीद हो गए हैं. नक्सल विरोधी अभियान के लिए बोदली (दन्तेवाड़ा जिला) तथा कड़ेमेटा (नारायणपुर जिला) शिविर से पुलिस दल को रवाना किया गया था. दल में डीआरजी नारायणपुर के 90 जवान शामिल थे.

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