नई दिल्ली. आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सख्त लहजे में कहना ही पड़ा कि हमें हमारी लापरवाहियों ने खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। कोरोना वायरस के इस दूसरी लहर को तत्काल रोकना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो देशव्यापी असर देखने को मिल सकता है। कई राज्य ऐसे हैं, जहां संक्रमण में वृद्धि देखने को मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’को लेकर हमें पिछले साल जैसी ही गंभीरता दिखानी होगी। कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने नियमों को सख्ती से लागू करने, आरटी-पीसीआर और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगाने जैसे सख्त कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। छोटे शहरों में “रेफरल सिस्टम” और “एम्बुलेंस नेटवर्क” के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि कोरोना वायरस गांव तक अपने पैर न पसार पाए। अगर कोरोना वायरस गांवों तक पहुंच गया, तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मोदी ने कहा – ‘कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को एक साल से ज्यादा हो रहा है। भारत के लोगों ने कोरोना का जिस प्रकार सामना हो रहा है, उसे लोग उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं। आज देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं। मृत्यु दर में भी भारत सबसे कम दर वाले देशों में है, लेकिन फिलहाल कुछ राज्यों में केसों की संख्या बढ़ रही है। देश के 70 जिलों में ये वृद्धि 150 प्रतिशत से ज्यादा है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘कई राज्यों में, तेजी से एंटीजन परीक्षण पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें परिवर्तन की आवश्यकता है। देश के हर राज्य को RT-PCR टेस्ट पर अधिक जोर देने की जरूरत है। देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं, लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन डोज खराब होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है।’
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का रिप्रोडक्शन (प्रजनन) नंबर या आर नंबर 1.34 है। आर नंबर का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन और कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है, यानी किसी वायरस में फैलने की कितनी क्षमता है। अगर ये नंबर एक से ज्यादा होती है तो महामारी के बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है। अगर यहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्या घटानी है तो आर नंबर को 1 से नीचे लाना होगा। महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले नागपुर, औरंगाबाद, अमरावती, ठाणे और मुंबई में गंभीर हैं।