नई दिल्ली. भारत के लिए यह खबर परेशान करने वाली है, क्योंकि भारत में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड का अहम रोल है और इसी कोविशिल्ड पर सवालिया निशान उठ खड़े हुए हैं, वह भी गंभीर। बता दें कि भारत में इन दिनों दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशिल्ड और भारत वायोटेक की कोवैक्सिन। ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत के बाद कई देशों ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है। हालांकि ये वैक्सीन 70.4 फीसदी असरदार बताई जा रही है। कोविशील्ड नाम की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट पुणे में स्थित है।
इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ बैठक की। सामने यह आया कि फिलहाल Covishield पर रोक लगाए जाने के आसार नहीं हैं, क्योंकि भारत में अब तक ब्लड क्लॉटिंग की कोई शिकायत नहीं आई है. वैसे, इसे लेकर एक-दो दिन में ही AEFI (एडवर्स ईवेन्ट्स फॉलोइंग इम्युनाइज़ेशन) की बैठक होगी, क्योंकि कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वैज्ञानिक प्रमाणों को जांचना चाह रहा है।
इस बीच एस्ट्राजेनेका ने अपने कोविड-19 टीके को सुरक्षित करार दिया है। भारत में एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड का कोविड-19 टीके का उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को बयान में कहा कि वो एक बार फिर से अपने कोविड-19 के टीके के सुरक्षित होने के बारे में भरोसा दिलाती है। ये टीका साफ-साफ वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित है। सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और कंपनी अपने टीके की सुरक्षा को लेकर लगातार निगरानी कर रही है।
इस हंगामें के बाद कोविशील्ड की डोज़ के बाद किसी दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए AEFI नाम की एक कमेटी इसकी जांच करेगी। इस हफ्ते वैक्सीन के रिव्यू का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच ICMR के डॉक्टर एनके अरोरा का कहना है कि 12-13 मार्च को वैक्सीन की प्रारंभिक समीक्षा की गई थी और इस दौरान उन्हें ब्लड क्लॉटिंग जैसी चीज़ उन्हें नहीं दखी।
गौरतलब है कि WHO, यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा दवाओं पर नज़र रखने वाली यूरोपीय संस्था यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) द्वारा AstraZeneca Corona Vaccine के सुरक्षित होने की बात कहे जाने के बाद भी जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, स्लोवानिया, लातविया ने AstraZeneca वैक्सीन का इस्तेमाल बंद कर दिया है, और यूरोप से बाहर इंडोनेशिया ने भी कोरोनावायरस के खिलाफ कई देशों में इस्तेमाल की जा रही एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन का प्रयोग निलंबित कर दिया है।