कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार यानी आज कोलकाता में चुनावी हुंकार भरते हुए कहा कि बांग्ला उन्नति, शांति और प्रगति चाहता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महर्षि अरबिदो समेत कई महान विभूतियों का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल की इस धरती ने एक विधान, एक निशान, एक प्रधान के लिए बलिदान देने वाले सपूत हमें दिया है। इसके हमारा भी धर्म है कि हम उनके आदर्शों की रक्षा करें। सिर्फ चुनाव में नहीं, हम हर पल आपका दिल जीतते रहेंगे। उत्तर बंगाल हो या दक्षिण बंगाल, पश्चिमांचल हो या जंगलमहल, आदिवासी हो या दलित, पिछड़े, शोषित, वंचित या हमारे शरणार्थी भाई बहन, सभी पर बराबर ध्यान दिया जाएगा। जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास शासन का मंत्र होगा।
इसके पहले शुरूआती संबोधन में मोदी ने कहा कि राजनीतिक जीवन में सैकड़ों रैलियों को संबोधित करने का सौभाग्य मिला है, लेकिन इतने लंबे कार्यकाल में मैंने कभी इतने बड़े विशाल जन समूह का हमें आशीर्वाद मिला हो ऐसा दृश्य मुझे आज देखने को मिला है। मैं ब्रिगेड ग्राउंड से आपको इस आशोल पोरिबोरतोन का विश्वास दिलाने आया हूं। विश्वास, बंगाल के विकास का। विश्वास, बंगाल में स्थितियों के बदलने का। विश्वास, बंगाल में निवेश बढ़ने का। विश्वास, बंगाल के पुनर्निर्माण का। विश्वास, बंगाल की संस्कृति की रक्षा का।”
मोदी ने कहा, मैं विश्वास दिलाने आया हूं कि आपके लिए, यहां के नौजवानों के लिए, किसानों, उद्यमियों, यहां की बहनों-बेटियों के विकास के लिए हम 24 घंटे दिन रात मेहनत से काम करेंगे। हम मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। पीएम ने कहा कि हम पल-पल आपके लिए जिएंगे। हम पल-पल आपके सपनों के लिए जिएंगे। ये विश्वास दिलाने मैं आया हूं।”
पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल ने परिवर्तन के लिए ही ममता दीदी पर भरोसा किया था, लेकिन दीदी और उनके काडर ने ये भरोसा तोड़ दिया। इन लोगों ने बंगाल का विश्वास तोड़ा। इन लोगों ने बंगाल को अपमानित किया। यहां की बहन-बेटियों पर अत्याचार किया। आपने एक ही भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना? बंगाल के लाखों भतीजे-भतीजियों की आशाओं के बजाय आप अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं? आप भी भाई-भतीजावाद के उन कांग्रेसी संस्कारों को छोड़ नहीं पाईं, जिनके खिलाफ आपने बगावत की थी।
पीएम ने कहा, आपके इसी जोश से दीदी और उनके साथियों की नींद उड़ी हुई है। तभी तो ये लोग कह रहे हैं कि इस बार – खेला होबे। आपने लोगो की मेहनत की कमाई से, लोगों की जिंदगियों से खेला है। आपने चाय बागानों को ताला लगा दिया, राज्य को कर्ज में डुबो दिया। आपने युवाओं से उनके हक की नौकरी, उनका वेतन तक छीन लिया। अब ये नहीं चलेगा, अब ये खेल नहीं चलेगा।”