पेट्रोल 16 रुपए और डीजल 13 रुपए प्रति लीटर सस्ता, ऐसा हो सकता है

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नई दिल्ली. पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव से आम आदमी से लेकर हर कोई परेशान है। विपक्ष सरकार पर हमलावर है, और सरकार फिलहाल लाचार है, लेकिन अब देश के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट जारी की है। एसबीआई की रिसर्च टीम ने पेट्रोल और डीजल को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के दायरे में लाने का सुझाव दिया है। अगर सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में ले आती है, तो फिर पेट्रोल का भाव घटकर 75 रुपये लीटर, और डीजल 68 रुपये लीटर मिल सकता है। यानी दिल्ली में 4 मार्च के मौजूदा भाव से पेट्रोल करीब 16 रुपये लीटर, और डीजल 13 रुपये 47 पैसे प्रति लीटर सस्ता मिल सकता है। SBI की इस रिपोर्ट को एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्या कांति घोष ने तैयार किया है।

बता दें कि इसके पहले इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने कहा था कि सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से 3.2 लाख करोड़ रेवेन्यू जेनरेट करने का लक्ष्य रखा है। वहीं अभी जो टैक्स है उसके हिसाब से सरकार इन दोनों Fuel पर Excise Duty से 4.35 लाख करोड़ रुपये जुटा लेगी। ICICI Securities ने कहा कि ऐसे में सरकार अगर पेट्रोल और डीजल पर लहने वाले आयात शुल्क में प्रति लीटर 8.50 रुपये की कटौती करती है तो उसके रेवेन्यू टार्गेट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह 3.2 लाख करोड़ रुपये ही रहेगा, लेकिन आम लोगों को इससे बड़ी राहत मिल जाएगी।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी। इससे पेट्रोल पर Excise Duty प्रति लीटर 32.9 रुपये और डीजल पर 31.8 रुपये हो गया। केंद्र सराकर ने टैक्स ऐसे समय में बढ़ाया जब कच्चे तेल की कीमत अपने 2 दशक के सबसे निचले स्तर पर थी, लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं तो सरकार ने यह टैक्स नहीं घटाया, जिससे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बेतहाशा बढ़ गई हैं। आपको बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स को मिलाकर पेट्रोल पर 60% और डीजल पर 54% टैक्स है।

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