रियाद.सऊदी अरब ने दावा किया है कि उसने राजधानी रियाद पर दागी गई एक मिसाइल और दक्षिणी प्रांत को निशाना बनाते हुए दागे गए ड्रोन को बीच में रोक कर नष्ट कर दिया है।
सऊदी नीत सैन्य गठबंधन की मानें तो ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों ने बैलेस्टिक मिसाइल के अलावा देश के जिजान प्रांत में तीन ड्रोन भी भेजे थे। ये ड्रोन विस्फोटक से भरे थे। एक अन्य ड्रोन को दक्षिण पश्चिमी शहर को निशाना बनाने के लिए लॉन्च किया गया था। हालांकि सऊदी अरब ने कहा है कि इन हमलों में किसी के हताहत होने की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। वहीं दूसरी तरफ अब तक इन हमलों के बारे में हुती विद्रोहियों की तरफ से भी कुछ नहीं कहा गया है।
बता दें कि सऊदी अरब देश में होने वाले हवाई हमलों के लिए यमन के हुती विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराता रहा है। इसके पहले से भी सऊदी अरब के पश्चिमी सहयोगी हूती विद्रोहियों को हथियार और आर्थिक सहयोग करने का आरोप ईरान पर लगाते हैं। तेहरान के बयान भी हूती के समर्थन में रहे हैं। लेकिन हूती समर्थक इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते रहे हैं। विशेषज्ञ इशारा करते हैं कि हूती जिन मिसाइलों और ड्रोनों का इस्तेमाल कर कर रहे हैं, वह ईरानी डिजाइन और तकनीक की हैं। हालांकि कई अन्य सूत्र दावा करते हैं कि मिसाइल और छोटे हथियार ओमान के रास्ते आए हैं, लेकिन जिस आधार पर ये दावे किए जा रहे हैं, वह काफी पेचिदा हैं। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के एक वरिष्ठ विश्लेषक पीटर सैलिसबरी ने बताया, “यदि ईरान हूती को सीधे तौर पर समर्थन कर रहा है तो यह एक बदनामी भरा कदम है। ”
इस हमले के संबंध में अभी हुती विद्रोहियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है। वैसे देखा जाए तो यह हमला पश्चिम एशिया में तेजी से बढ़ रहे तनाव के बीच हुआ है। इससे एक दिन पहले ही इजराइल के पोत पर ओमान की खाड़ी में विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट ने सामरिक जलमार्गों पर पोतों की सुरक्षा को लेकर चिंता को एक बार फिर हवा दी है।
हालांकि सऊदी अरब पर जारी एक चैनल पर कुछ फुटेज दिखाई गई, जिसमें हवा में कुछ संदिग्ध चीजों को उड़ते हुए दिखाया गया था। लोगों ने भी सोशल मीडिया में इस तरह के कुछ वीडियो साझा किए हैं। सऊदी नीत गठबंधन के प्रवक्ता कर्नल तुर्की अल मलीकी का कहना है कि हुती विद्रोही लगातार सऊदी अरब में अशांति फैलाने और लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने में लगे हैं। रियाद में स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वो सतर्क रहें।
सऊदी अरब में इसी माह में दो बार अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया जा चुका है। इसमें कुछ अमेरिकी सैनिक और स्थानीय कांट्रेक्टर भी हताहत हुए हैं। इसके बाद अमेरिका ने दो दिन पहले ही सीरिया में ईरान समर्थित आतंकियों पर ताबड़तोड़ बमबारी की थी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अमेरिकी प्रशासन ने यमन में शांति के लिए सऊदी अरब समर्थित गठबंधन को समर्थन न देने का एलान काफी पहले ही कर दिया था। बाइडन प्रशासन का कहना है कि वो ट्रप प्रशासन में सऊदी अरब के साथ हुई हथियारों की डील पर भी दोबारा विचार करेगी। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही ओमान की खाड़ी में मौजूद इजराइल के पोत पर विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट के बाद सामरिक जलमार्गों पर पोतों की सुरक्षा को लेकर चिंता सामने आने लगी है।