मन की बात…गांव-गांव हो रहा है आत्मनिर्भर, सपनों के लिए दूसरे पर निर्भर न रहें

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नई दिल्ली. रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है तो बनता है आत्मनिर्भर भारत। जब हम इसी सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तभी सही मायने में आत्मनिर्भर बन पाएंगे और साथियों, मुझे खुशी है कि आत्मनिर्भर भारत का ये मंत्र, देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है। आत्म निर्भर भारत की पहली शर्त होती है- अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावना बन जाता है। जब आसमान में हम अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजियां खाते देखते हैं, तब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं। जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया वैक्सीन को पहुंचाते हुए देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है। हैदराबाद के चिंतला वेंकट रेड्डी जी के एक डॉक्टर मित्र ने उन्हें एक बार विटामिन-डी की कमी होने वाली बीमारियां और इसके खतरे के बारे में बताया। रेड्डी जी किसान हैं, उन्होंने मेहनत की और गेहूं-चावल की ऐसी प्रजातियां विकसित की जो खास तौर पर विटामिन-डी से युक्त है।

चुनौती देने वाले सराहनीय : साथियों, कभी-कभी बहुत छोटा और साधारण सा सवाल भी मन को झकझोर जाता है। ये सवाल लंबे नहीं होते हैं, बहुत सिंपल होते हैं, फिर भी वे हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। कुछ लोग समझते हैं कि इनोवेशन करने के लिए आपका साइंटिस्ट होना जरूरी है, कुछ सोचते हैं कि दूसरों को कुछ सिखाने के लिए आपका टीचर होना जरूरी है। इस सोच को चुनौती देने वाले व्यक्ति हमेशा सराहनीय होते हैं।

परीक्षाएं खास होती हैं : सब के जीवन में परीक्षा विशेष महत्व रखते हैं। मार्च में होने वाली ‘परीक्षा पे चर्चा’ से पहले मेरी आप सभी एग्जाम वॉरियर्स से, पैरेंट्स से, और टीचर्स से, रिक्वेस्ट है कि अपने अनुभव, अपने टिप्स जरूर शेयर करें। आप मायगोव और नरेंद्र मोदी एप पर शेयर कर सकते हैं।

मेरी कमजोरी : बहुत से लोगों ने मुझे तमिल लिटरेचर की क्वालिटी और इसमें लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बहुत कुछ बताया है। दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया।

दूसरे पर निर्भर न रहें : हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है। जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे। आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है।

और भी खास बातें
-आज ‘नेशनल साइंस डे’ भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘रमन इफेक्ट’ खोज को समर्पित है।

-कुछ दिनों बाद मार्च महीने में ही 22 तारीख को ‘वर्ल्ड वाटर डे’ भी है। कल माघ पूर्णिमा का पर्व था। माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है। माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है। पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए। अब से कुछ दिन बाद जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ शुरू किया जा रहा है।

– इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है। वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है।

इससे पहले 15 फरवरी को पीएम ने मन की बात के लिए लोगों से अलग-अलग विषयों पर उनके सुझाव मांगे थे। पीएम ने ट्वीट किया था, ‘प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से, जनवरी के ‘मन की बात’ ने कला, संस्कृति, पर्यटन और कृषि नवाचार से लेकर विविध विषयों पर प्रकाश डाला। फरवरी में कार्यक्रम के लिए ऐसे और प्रेरक उपाख्यान सुनना पसंद करेंगे, जो 28 तारीख को होंगे।’ प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को हिंदी या अंग्रेजी में अपना संदेश रिकॉर्ड करने के लिए टोल-फ्री नंबर भी साझा किया था।

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