GDP
प्रतीकात्मक तस्वीर

आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत मिली है. कोरोना संकट के बीच पहली बार जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव आई है. पिछली दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ के बाद पहली बार तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी ने राहत दी है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान जारी की है. साल दर साल आधार पर तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.1 फीसदी से घटकर 0.4 फीसदी रही. वित्त वर्ष 2020-21 में तिमाही आधार पर जीवीए-7.3 फीसदी से बढ़कर 1 फीसदी जबकि साल दर साल आधार पर जीवीए 3.4 फीसदी से घटकर 1 फीसदी रही.

दरअसल, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई थी. दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर सुधार हुआ और जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में गिरावट घटकर 7.5 फीसदी रही. कोविड-19 की स्थिति में तेजी से सुधार आने और लोगों के खर्च में तेजी से बढ़ोतरी होना दो ऐसे कारक रहे हैं जो दिसंबर तिमाही के लिए बेहतर रहे. तीसरी तिमाही की जीडीपी आंकड़े से अब संकेत मिल रहा है अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है.

बता दें कि कई इकोनॉमिस्ट और संस्थाओं ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था पॉजिटिव में आ सकती है. इकोनॉमिक सर्वे 2020-21 के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी में 11 फीसदी की तेजी दर्ज की जा सकती है. IMF का अनुमान है कि 2021 में विकास दर 11.5 फीसदी रहेगी जबकि आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में ग्रोथ रेट 10.50 फीसदी रहेगा.

वहीं, मूडीज ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान पहले के 10.8 फीसदी से बढ़ाकर 13.7 फीसदी कर दिया. आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने और कोविड- 19 का टीका बाजार में आने के बाद बाजार में बढ़ते विश्वास को देखते हुए यह नया अनुमान लगाया गया है.

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