मुंबई. भीमा कोरेगांव केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने तेलुगु कवि वरवरा राव को जमानत दे दी है। उच्च न्यायालय ने राव को 6 महीने की जमानत दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें मेडिकल कारणों से यह राहत दी है, लेकिन उन्हें मुंबई से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्हें शहर में ही रहना होगा और किसी भी वक्त जांच के लिए एजेंसियों के समक्ष पेश होना होगा। गौरतलब है कि इसके पहले 18 नवंबर 2020 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी वरवारा राव को राज्य सरकार के खर्चे पर 15 दिन इलाज के लिए मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती करवाया था।
दरअसल, यह मामला 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। मामले की जांच कर रही एजेंसी एनआईए ने आरोप लगाया कि स्वामी भाकपा, समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिये षडयंत्रकारियों सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेन्द्र गैडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नन गोंसालवेस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के संपर्क में रहे हैं। पुणे पुलिस का आरोप है कि 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद समूह के सदस्यों ने भड़काऊ भाषण दिये थे, जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी। आरोप लगाया गया कि भीमा कोरेगांव हिंसा एक अच्छी तरह से चाक-चौबंद रणनीति थी। ये लोग कोड के जरिए माओवादी नेताओं के संपर्क में थे। चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि नवलखा के पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध हैं।
पिछली सुनवाई में माओवादियों के बीच संबंध को लेकर गिरफ्तार वरवरा राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने बॉम्बें हाइकोर्ट में अपने मुव्वकिल की सेहत की जानकारी देते हुए और अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया था कि कार्यकर्ता-कवि फरवरी, 2020 से अभी तक कुल 365 दिनों में से 149 दिन अस्पताल में रहे हैं।
लेखक, कवि और 2018 भीमा कोरेगांव केस के आरोपी और जेल में बंद कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव जुलाई में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। न्यायिक हिरासत में नवी मुंबई के तालोजा जेल में बंद 80 वर्षीय राव को उसके बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब राव के परिवार ने उनकी बिगड़ती हालत को लेकर चिंता जाहिर की थी।