तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 85वां दिन है। इस कड़ी में आज किसान देशभर में रेल रोको आंदोलन चला रहे हैं। किसान 12 बजे से शाम चार बजे तक देशभर में रेल रोकेंगे। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जताना और जनता तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं। किसानों का कहना है कि किसी को परेशान करना उनका मकसद नहीं है।
किसानों के रेल रोको को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। इस सिलसिले में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के कार्यकर्ताओं ने पटना में निर्धारित समय यानी दोपहर 12 बजे) पहले ही रेल रोकना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए, जिन्हें पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर देश के कई राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में किसान रेलवे ट्रैक को जाम कर रहे हैं।
उधर, रेलवे ने किसानों के आंदोलन के मद्देजर रेलवे ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। इसके तहत देशभर में आरपीएसएफ (RPSF) यानी रेलवे सुरक्षा विशेष बल की 20 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 20 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डीजी (DG) यानी महानिरीक्षक अरुण कुमार ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने और ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी नहीं करने की अपील की है।
आपको बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चंढूनी ने एक बार फिर कहा है कि उनका संगठन किसानों के हितों के लिए लड़ रहा है और नए कृषि कानूनों की वापसी तक वे अपने घरों को नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि देशभर में पंचायत और महापंचायत जैसे कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बताया जाएगा कि मौजूदा समय में केंद्र की सरकार आम लोगों की नहीं बल्कि कॉरपोरेट्स की है।