Congress
सांकेतिक तस्वीर

पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ लहर चल रही है. राज्य के नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने एकतरफा क्लीन स्वीप की है. 8 नगर निकायों में चुनाव हुए थे, जिनमें से 7 के नतीजे बुधवार (17 फरवरी) को घोषित हुए. अभी जिन सात नगर निगमों के नतीजे आए हैं, उनमें से छह पर कांग्रेस ने पचरम लहरा दिया है. निगमों की कुल 350 सीटों में से सबसे ज्यादा 268 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं. सीटों के लिहाज से दूसरे नंबर पर अकाली दल, तीसरे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी सबसे पीछे रही है.

साल 2015 में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. तब सभी 5 नगर निगमों पर बीजेपी और अकाली दल का ही कब्जा था. इस बार दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, क्योंकि कृषि कानूनों पर तकरार को लेकर दोनों पार्टी अलग हो चुकी हैं.

नगर निगम चुनाव में इस बार 2302 वार्डों के लिए 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे. पहली बार 2,832 निर्दलीय चुनाव लड़े. वहीं कांग्रेस के 2,037 और अकाली दल के 1,569 उम्मीदवार थे. बीजेपी के 1,003, AAP के 1,606 और बसपा के 160 कैंडिडेट्स ने चुनाव लड़ा.

अबोहर में कांग्रेस ने 50 में से 49 सीटों पर जीत हासिल की है. सिर्फ एक सीट अकाली दल के खाते में गई. बठिंडा, अबोहर और कपूरथला में बीजेपी खाता भी नहीं खोल पाई. बीजेपी को सबसे ज्यादा 11 सीटें पठानकोट में मिली हैं.

होशियारपुर के 50 वार्डों में से पिछली बार 10 पर जीत हासिल करने वाले शिरोमणि अकाली दल का इस बार खाता भी नहीं खुल सका. 41 पर कांग्रेस की जीत हुई, जबकि बीजेपी को 4 सीटें मिलीं. AAP ने यहां खाता खोला है और पार्टी को 2 सीटें मिली हैं. बाकी 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.

बता दें कि 2015 में पठानकोट नगर निगम पर बीजेपी का कब्जा था. इस बार यहां की 50 सीटों में से 37 कांग्रेस के पास गई हैं. बीजेपी को सिर्फ 11 सीटें मिली हैं, पिछली बार उसे यहां 30 सीटें मिलीं थीं. अकाली दल को भी इस बार सिर्फ 1 सीट मिली है.

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