नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने देर रात स्पष्ट किया कि उसकी वेबसाइट पर गलती से दिखाया गया है कि राजदीप सरदेसाई के खिलाफ उनके ट्वीट को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का एक मामला दर्ज किया गया है। उच्चतम न्यायालय के उप-रजिस्ट्रार (जनसंपर्क) राकेश शर्मा ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय द्वारा पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू किए जाने के बारे में कुछ समाचार चैनलों आई खबर के बारे में यह स्पष्ट किया जाता है कि उनके खिलाफ ऐसी कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई है।’
खबरें आ रहीं थीं कि सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मुकदमा दायर किया है। राजदीप की ओर से अदालती कार्यवाही के संबंध में किए गए ट्वीट के मामले में शीर्ष अदालत ने आस्था खुराना की याचिका पर यह कदम उठाया है।
मालूम हो कि तब आस्था खुराना ने आरोप लगाया था कि राजदीप की ओर से पिछले साल किए गए ट्वीट ने न्यायपालिका पर लांछन लगाने का काम किया है। यह भी कहा था कि सरदेसाई का बयान न केवल एक सस्ता प्रचार स्टंट है, बल्कि शीर्ष अदालत और न्यायपालिका के खिलाफ एक तरह से मशीनरी के रूप में विरोध करते हुए भारत विरोधी अभियान के रूप में नफरत फैलाने का एक जान-बूझकर किया गया प्रयास है। याचिकाकर्ता ने अगस्त 2020 में किए सरदेसाई के ट्वीट का हवाला दिया, जहां उन्होंने अदालत की अवमानना के लिए अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर लगाए गए एक रुपये के दंड की आलोचना की थी और एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि शीर्ष अदालत किसी भी वकील को प्रैक्टिस से हटा नहीं सकती है। दलील में कहा गया है कि बाद में उनके द्वारा इस ट्वीट को हटा दिया गया था, लेकिन इसे मीडिया में भारी प्रचार मिला है और इसने शीर्ष अदालत की निष्पक्षता पर फिर से सवाल उठाया है, जो न्यायपालिका के लिए एक बड़ा खतरा है।
बाद में पता कि यह मामला पुराना है और गलती से सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आ गया। राकेश शर्मा ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर मामला नंबर एसएमसी (सीआरएल) 02/2021 के संबंध में दिखाई गई स्थिति त्रुटिवश नजर आ रही है। इसे ठीक करने के लिए उचित कार्रवाई की जा रही है।’