दामाद शब्द की गूंज सुनाई दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट भाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए दामाद शब्द का इस्तेमाल कर सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी पर तंज कसा। सीतारमण ने शुक्रवार को राज्यसभा में भी दामान शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था और उन्हें सफाई देनी पड़ी थी। सीतारमण ने आज लोक सभा में राहुल गांधी पर हमला बोला और उन्हें देश का नाश करने वाला व्यक्ति करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल कई मुद्दों पर फर्जी कहानियां सुनाते हैं और वह ‘डूम्सडे मैन ऑफ इंडिया’ हैं यानी देश का नाश करने वाले व्यक्ति हैं।
सीतारमण ने राहुल गांधी के हम दो और हमारे दो वाले बयान का भी जवाब दिया। उन्होंने हम दो और हमारे दो का मतलब समझाते हुए कहा, “हम दो और हमारे दो का मतलब है- दो लोग पार्टी को संभालेंगे और दो अन्य लोग हैं, जिन्हें संभालना है यानी बेटी और दामाद को। हम ऐसा नहीं करते हैं। हमने 50 लाख स्ट्रीट ट्रेडर्स को एक साल तक 10 हजार दिए। ये स्ट्रीट वेंडर्स किसी के घनिष्ठ मित्र नहीं हैं।“
वह यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग हम पर लगातार करीबियों के लिए काम करना का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें बता दूं कि स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना किसी करीबी के लिए नहीं है। उधर, राजस्थान तथा हरियाणा जैसे राज्यों में दामादों को जमीनें बांटी गईं, जिनमें कभी कुछ पार्टियों का शासन था। हमारे करीबी कौन है? इस देश की आम जनता के हम करीबी हैं।“
कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी में भी हमारी सरकार ने प्रोत्साहन और सुधार जैसे काम किए हैं। ऐसे चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सरकार को इस देश में विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुधारों पर फैसले लेने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने कहा कि डॉ. शशि थरूर यहां पर मौजूद हैं। केरल में जब उनकी पार्टी की सरकार थी तो इन लोगों ने एक करीबी को यहां बुलाया था। कोई टेंडर नहीं निकाला और एक पोर्ट डेवलपमेंट का काम दे दिया। और, ये लोग हमें क्रोनी कैपिटलिस्ट कहते हैं?”
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का जिक्र करते हुए कहा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से गरीबों, दलितों और पिछड़ों को फायदा हुआ है। ये बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन अनुभवों पर आधारित है, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। ये बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। महामारी के बावजूद देश आत्मनिर्भर बनेगा। बजट में जिन रिफॉर्म्स का प्रावधान किया गया है, उसकी वजह से भारत के दुनिया की टॉप इकोनॉमी बनने का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण रोजगार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और यदि जरूरत पड़ी तो सरकार ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने वाली मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए और फंड मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 73 हजार करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया है।