राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. खबर आ रही थी कि कांग्रेस फिर से गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा में नहीं भेजना चाह रही है. ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि आखिर उसकी जगह दूसरा कौन राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनेगा. अटकलें कुछ नामों को लेकर लगाई जा रही थीं. इसमें आनंद शर्मा और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आ रहा था. कहा जा रहा था कि खड़गे की दावेदारी ज्यादा मजबूत है क्योंकि गांधी परिवार के ज्यादा नजदीकी वही हैं. हुआ भी ऐसा ही और कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नामित कर दिया है. संगठन के महासचिव वेणुगोपाल ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस ने राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू को इस बारे में जानकारी दी है कि आजाद के रिटायर होने के बाद अब खड़गे पार्टी की तरफ से नामित किए गए हैं. यानी खड़गे ही अब राज्यसभा में विपक्ष के नेता होंगे.
बता दें कि राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा भी चाहते थे कि उन्हें विपक्ष का नेता बनाया जाए. मगर हाल ही में संगठन को लेकर कई सवाल खड़े करती सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी के बाद पार्टी नेतृत्व उन्हें ये जिम्मेदारी देने पर ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रहा था. इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है. उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद पार्टी ने राज्य सभा में मौका दिया था.
दरअसल, राज्यसभा में 15 फरवरी के बाद जम्मू और कश्मीर का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा. यहां से फिलहाल 4 राज्यसभा की सीटें हैं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से वहां चुनाव नहीं हुए हैं. ऐसे में फिलहाल राज्यसभा से वहां कोई सदस्य नहीं होगा. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसद नजीर अहमद लावे (10 फरवरी) और मीर मोहम्मद फैयाज (15 फरवरी) का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा. गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी और भारतीय जनता पार्टी के शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो जाएगा.